टाइगर स्टेट मध्य प्रदेश में 6 महीने में 23 बाघों की मौत, कमलनाथ ने किए सवाल, सरकार से जाँच की मांग

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा है कि हम बाघों की मौत के मामले में पूरे देश में नंबर वन आ चुके हैं, बावजूद इसके सरकार कोई भी ठोस कदम उठाने में नाकाम साबित हुई है। उन्होंने सरकार से मांग की कि बाघों की असमान्य मौतों को गंभीरता से लें और शिकारियों एवं तस्करों की भूमिका की जाँच कर अपराधियों को कड़ी सजा दिलाने की पहल करें।

Kamal Nath

MP News : टाइगर स्टेट के रूप में मशहूर मध्यप्रदेश में पिछले छह महीने में तेईस बाघों की मौत हो चुकी है। इनमें से बारह बाघों की मौत बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व में हुई है। इसे लेकर अब कांग्रेस ने प्रदेश सरकार से सवाल किए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि प्रदेश वन्य प्राणियों के लिए असुरक्षित बनता जा रहा है। इसी के साथ उन्होंने सरकार से इस मामले की जाँच और अपराधियों को कड़ी सज़ा देने की मांग की है।

कमलनाथ ने बाघों की मौत पर उठाए सवाल

कमलनाथ ने मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए एक्स पर लिखा है कि ‘मध्यप्रदेश वन्य प्राणियों के लिये भी असुरक्षित प्रदेश बनता जा रहा है। टाइगर स्टेट मध्यप्रदेश में पिछले 6 महीनों में 23 बाघों की मौत हुई है, जिसमें से अकेले बांधवगढ में 12 बाघों की मौत हुई है। वर्ष 2024 में देश में अब तक कुल 75 बाघों की मौत हुई है जिसमें अकेले मध्यप्रदेश में 23 बाघों की मौत हुई है। देश में कुल बाघों की मौत का 30% आँकड़ा अकेले मध्यप्रदेश से है।’

सरकार से मांग 

उन्होंने कहा कि ‘बताया जा रहा है कि बांधवगढ में शिकारियों और अंतरराष्ट्रीय तस्करों की साँठगाँठ से बाघों की मौत का घिनौना खेल खेला जा रहा है। वन विभाग को कुछ शिकारियों के खातों में अंतरराष्ट्रीय लेनदेन के भी सबूत मिले हैं। हम बाघों की मौत के मामले में पूरे देश में नंबर वन आ चुके हैं, बावजूद इसके सरकार कोई भी ठोस कदम उठाने में नाकाम साबित हुई है। सरकार की उदासीनता से जहां तस्करों की मौज हो रही है, वहीं वन्य जीवों का जीवन संकट में आ गया है। मैं सरकार से माँग करता हूँ कि बाघों की असमान्य मौतों को गंभीरता से लें और शिकारियों एवं तस्करों की भूमिका की जाँच कर अपराधियों को कड़ी सजा दिलाने की पहल करें।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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