भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। देश के 33 लाख किसानों को झटका लगने वाला है। किसानों (Farmers) के हित में केन्द्र की मोदी सरकार (Modi Government) ने बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत गलत जानकारी देकर किसान सम्मान निधि ( Kisan Samman Nidhi) योजना का लाभ उठाने वालों पर कार्रवाई होगी। वही सरकार की तरफ से पैसों की रिकवरी के लिए किसी भी दिन नोटिस (Notice) जारी भी किया जा सकता है। शुरुआती जांच में 33 लाख किसान फर्जी पाए गए है। इसके चलते कई पात्र किसान इस योजना का लाभ नहीं ले पाए रहे है।
दरअसल, यह खुलासा शुक्रवार को संसद में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Agriculture Minister Narendra Singh Tomar) ने किया है। नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi) में जो किसान योग्य नहीं है और इनकम टैक्स (Tax) भी देते हैं वो भी गलत जानकारी देकर इस योजना का लाभ उठा रहे हैं। किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा 32.91 लाख अयोग्य लाभार्थियों के खाते में 2,326 करोड़ रुपये ट्रांसफर (Transfer) किए जा चुके हैं।
केन्द्र ने सभी राज्य सरकारों से कहा है कि जल्द से जल्द ऐसे किसानों का पता लगाए, जो इस योजना के लिए अयोग्य थे, इसके बाद भी उन लोगों ने योजना का लाभ उठाया है, ऐसे लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाए और गलत फायदा उठाने वाले किसानों की जांच की जाए। इसके साथ ही इन 33 लाख किसानों को सरकार की रकम वापस करनी होगी और इन्हें अगली किस्त में रुपये नहीं भेजे जाएंगे, ताकी पात्र किसानों को इसका लाभ मिल सके। वर्तमान में तमिलनाडु ने फर्जी पात्रों पर कार्रवाई करना शुरु कर दिया है।
बता दे कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi) के तहत केंद्र सरकार (Central government) द्वारा देशभर के किसानों को 6000 रुपए तीन किस्तों में दिए जाते हैं। यह राशि 3 किस्त में सीधे किसानों के बैंक अकाउंट में भेजी जाती है।
किसान सम्मान निधि योजना की गाइडलाइन
- खेत पर मजदूरी करने वाले किसानों को योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
- सरकारी या रिटायर्ड कर्मचारी भी योजना के सही हकदार नहीं।
- मौजूदा के अलावा पूर्व मंत्री, सांसद और विधायक को नहीं मिलेगा फायदा।
- प्रोफेशनल रजिस्टर्ड डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, सीए को भी नहीं मिलेगा लाभ।
- इनकम टैक्स देने वाले किसान परिवार को भी नहीं मिलेगा फायदा।
- 10 हजार से ज्यादा पेंशन पाने वाले किसान भी सही हकदार नहीं।
- खेती की जमीन का दूसरे कामों में इस्तेमाल करने वाले किसानों को भी फायदा नहीं।