भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (MP College) के 350 से ज्यादा सरकारी कॉलेजों (Government College) के प्रोफेसरों (Professors) ने राज्य की शिवराज सरकार (Shivraj Government) से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (Voluntary retirement) मांगी है। इसके पीछे मुख्य कारण 10 साल से पदोन्नति(Promotion) ना मिलना है। प्रोफेसरों का तर्क है कि दस साल से पदोन्नति नहीं दी गई और आने वाले दो तीन सालों में भी इसका उम्मीद नहीं, और रिटायरमेंट मे भी ज्यादा वक्त नहीं बचा है, ऐसे में हमें स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति दी जाए।
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दऱअसल, बीते एक साल में राज्य के उच्च शिक्षा विभाग (Higher Education Department) के पास 350 से ज्यादा प्राध्यापकों के वीआरएस के आवेदन पहुंचे है, क्योंकि 2010 से कॉलेजों में प्रोफेसरों को पदोन्नति नहीं दी गई है। इसका कारण यह है कि आरक्षण (Reservation)और एकेडमिक ग्रेड पे को लेकर प्रकरण न्यायालय में लंबित है। ऐसे में उन प्रोफेसरों (प्राध्यापक) ने राज्य शासन से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की मांग की है, जिनके रिटायरमेंट में 2-3 साल बचे है।