भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। 7th Pay Commission. मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों (MP Employees DA Hike) का महंगाई भत्ता 11% के बढोतरी के बाद केन्द्र के समान 31% हो गया है। इस संबंध में वित्त विभाग ने आदेश जारी कर दिया है और इसका लाभ 1 अप्रैल 2022 से मिलेगा और सैलरी में 25000 तक बढ़ोतरी होगी, लेकिन पौने पांच लाख पेंशनरों को अब भी 31 % महंगाई राहत का इंतजार है, क्योंकि इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार की सहमति लेने पड़ेगी, हालांकि इसके लिए वित्त विभाग ने छत्तीसगढ़ सरकार को पत्र लिखा है, यहां से मंजूरी मिलते ही मध्य प्रदेश सरकार द्वारा अलग से आदेश जारी किया जाएगा।
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दरअसल, वर्तमान में एमपी के पेंशनरों (MP Pensioners) को 17% डीआर मिल रहा है, जबकी सरकारी कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 31% हो गया है।मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मप्र सरकार की अब मध्य प्रदेश के पौने पांच लाख पेंशनरों को भी केंद्र सरकार के बराबर 31 प्रतिशत महंगाई राहत देने की तैयारी है। इसके लिए मध्यप्रदेश सरकार के प्रमुख सचिव वित्त विभाग मनोज गोविल ने छत्तीसगढ़ राज्य शासन को पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने सहमति मांगी है वही पेंशनर संघो ने भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से सहमति देने की मांग की है।चुंकी वर्ष 2000 के पहले सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों की पेंशन और राहत का 74% वित्तीय भार मध्य प्रदेश और 26% छत्तीसगढ़ उठाती है।
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हाल ही में शिवराज कैबिनेट बैठक में कर्मचारियों के साथ पेंशनरों को भी 31% डीआर देने का निर्णय लिया गया है, लेकिन मध्यप्रदेश राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49(6) की संवैधानिक बाध्यता के कारण दोनों राज्य के आपसी सहमति मिलना जरूरी है इसके बिना पेंशनरों को महंगाई राहत की किस्तों का भुगतान के लिए आदेश जारी नहीं किया जा सकता है,इसलिए मध्यप्रदेश शासन ने 23 मार्च 22 को विधिवत पत्र भेजकर सहमति मांगी है। छत्तीसगढ़ राज्य शासन को लिखे पत्र के बाद अब अंतिम फैसला छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार को लेना है। इसके बाद ही दोनों राज्यों के पेंशनरों की महंगाई राहत में इजाफा होगा।