भोपाल।
सालों बाद सत्ता में आने के बाद भी कांग्रेस में गुटबाजी और अंतर्कलह खत्म होने का नाम नही ले रही है। कभी मंत्री तो कभी कांग्रेस विधायक सवाल उठाकर अपनी ही सरकार को कटघेरे में खड़ा कर रहे है।कांग्रेस नेता लगातार पार्टी लाइन से बाहर जाकर बयानबाजी कर रहे है। हाल ही में मोदी सरकार के सीएए और एनआरसी फैसले को लेकर कांग्रेस के दो विधायकों ने समर्थन देकर पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दी है, जबकी पूरी कांग्रेस इसका विरोध कर रही है। मुख्यमंत्री कमलनाथ खुद कई बार खुले मंच से इसे प्रदेश में लागू ना करने की बात कर चुके है।वही पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज इसके लिए विधायकों को धन्यवाद भी कह चुके है। जब मामला दिल्ली तक पहुंचा तो पीसीसी संगठन प्रभारी उपाध्यक्ष ने सभी को एआईसीसी की रीति-नीति के अनुरूप ही बयान देने की सलाह दे डाली।
दरअसल, एक ओर एआईसीसी ने नागरिकता कानून के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन कर विरोध जताया है, वही मध्यप्रदेश में इसके विरोध में खुद मुख्यमंत्री के नेतृत्व में पैदल मार्च किया जा चुका है।वही सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक कांग्रेसियों द्वारा इस कानून के खिलाफ मोर्चा खोल गया है। वही दूसरी तरफ प्रदेश में पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के भाई तथा कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने इस पर राजनीति बंद करने की सलाह देने संबंधी ट्वीट कर दिया है। इतना ही नही कांग्रेस विधायक डंग ने तो सीएए का समर्थन करते हुए कहा इसमें कोई बुराई नही की बात तक कह डाली।इसका एक वीडियो भी वायरल हुआ है जिसमें वे कहते नजर आ रहे है अगर पाकिस्तान, अफगानिस्तान व बांग्लादेश का कोई व्यक्ति दुखी है और उसे यह सुविधा मिल रही है तो इसमें कोई बुराई नहीं है।इसके लिए पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने उनका धन्यवाद किया है और बाकी नेताओं को इन्हे फॉलो करने की नसीहत दी है।
दोनों विधायकों के समर्थन के बाद जमकर सियासत गर्माई हुई है, वही कांग्रेस में भी खलबली मची हुई है।नेशनल मीडिया ने भी इस मुद्दे को जमकर भुनाया और मामला दिल्ली तक पहुंचा है।इसके बाद पीसीसी संगठन प्रभारी उपाध्यक्ष चंद्रप्रभाष शेखर ने कांग्रेस के सदस्यों से एआईसीसी की रीति-नीति के अनुरूप ही बयान देने की सलाह दी है तो मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अभय दुबे ने पत्रकारों से चर्चा में कहा कि उनकी डंग से बात नहीं हो सकी है। इसलिए कोई टिप्पणी नहीं कर सकते।