भोपाल।
मध्यप्रदेश में पहले चरण की वोटिंग हो चुकी है और अब सोमवार को सात सीटों पर दूसरे चरण की वोटिंग होना है।वोटिंग से पहले पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने जनता का मूड जानने की कोशिश की है। उन्हें प्रदेश के नेताओं से बाकी 23 सीटों पर फीडबैक मांगा है, ताकी भांपा जा सके कि कहां कैसी स्थिति बन रही है। खबर है कि भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल चुनाव प्रबंधन की टीम के साथ अंतिम दौर की तैयारियों का ब्याौरा लेकर दिल्ली रवाना हो गए।
दरअसल, पहले चरण की छह सीटों पर हुई वोटिंग के बाद बीजेपी चिंतित है। चुंकी छिंदवाड़ा सीएम कमलनाथ का गढ़ है, और मंडला, बालाघाट और शहडोल आदि सीटों पर बगावत और भितरघात जैसे हालात बने थे, जिसके चलते पार्टी के निर्देश पर पहले चरण के मतदान क्षेत्रों से फ्री हुए भाजपा नेताओं को भी अन्य सीटों पर भेजा गया है, ताकी वे रुठों को मना सके। वही डैमेज कंट्रोल की स्थिति को मजबूत किया जा सके।असल में कांग्रेस की अपेक्षा बीजेपी बागियों और भितरघातियों को मानने में कमजोर साबित हो रही है, जिसके चलते पार्टी के माथे पर चिंता की लकीरें उभर आई है। इसी को देखते हुए पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने एमपी की बाकी 23 सीटों पर फीडबैक मांगा था, जिसके बाद भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल चुनाव प्रबंधन की टीम के साथ अंतिम दौर की तैयारियों का ब्योरा लेकर दिल्ली रवाना हो गए।
इसके लिए शुक्रवार सुबह से शनिवार दोपहर तक संगठन महामंत्री रामलाल पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ उन सभी सीटों को लेकर विचार मंथन करते रहे जहां 6, 12 और 19 मई को मतदान होना है।इनमें खासतौर पर भोपाल सीट पर रणनीतिक जमावट और चुनावी प्रबंधन की समीक्षा भी की। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश भाजपा प्रभारी डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा एवं चुनावी प्रबंधन टीम के पदाधिकारियों से विचार विमर्श किया। इस दौरान संघ से जुड़े वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ भी उनकी मुलाकातें हुईं।
हालांकि जीत के लिए खुद शनिवार को पार्टी अध्यक्ष अमित शाह रीवा के दौरे पर पहुंचे थे और वोटरों को साधने की कोशिश की थी और वही आज रविवार को ग्वालियर चंबल लोकसभा सीट पर दौरे के लिए पीएम मोदी आ रहे है।पार्टी का मकसद विधानसभा में मिली हार को हर हाल में जीत में बदलना है।इसी के चलते केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर की सीट बदली गई है। इसके अलावा भोपाल सहित कई सीटों पर विशेष रणनीतिक जमावट की गई है।