भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। तकनीकी शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश (Department of Technical Education, MP) के पॉलिटेक्निक अतिथि व्याख्याताओं (MP polytechnic guest scholars) के पक्ष में फैसला सुनाया गया। दरअसल इस मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा मध्यप्रदेश शासन सहित गृह मंत्रालय भारत सरकार, चेयरमैन, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद सहित प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा आदि को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
बता दें कि लोगों 300 पॉलिटेक्निक अतिथि विद्वान याचिका की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता वरुण ठाकुर ने पक्ष रखते हुए दलील दी है। जिसमें कहा गया है कि पूर्व के निर्धारित नियम के तहत पॉलिटेक्निक कॉलेज में अतिथि विद्वानों के पद पर नियुक्त किए गए थे। बावजूद इसके 27 जनवरी 2022 को तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा आदेश जारी कर पूर्व में कार्यरत को यथावत न रखते हुए नई व्यवस्था लाई गई।
जिसके कारण पॉलिटेक्निक अतिथि विद्वानों की नियुक्ति का उल्लेख किया गया है। जिसमें अतिथि विद्वानों के स्थायित्व वरिष्ठता समान कार्य समान वेतन और 12 महीने के वेतन नियमितीकरण अधिक लाभ को लेकर दलील पेश की गई। वही अधिवक्ता वरुण ठाकुर की ओर से दलील दी गई कि अतिथि विद्वान 15 वर्ष से अधिक समय से पॉलिटेक्निक कॉलेज में कार्यरत हैं। वहीं अब नई नौकरी ढूंढ पाने में सक्षम नहीं है।
बावजूद इसके तकनीकी शिक्षा विभाग में पॉलिटेक्निक अतिथि विद्वानों के लिए पद अनिश्चितता के रूप में देखी जा रही है। दलील पेश करते हुए वरुण ठाकुर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के एक अन्य मामले में सुनवाई के दौरान आदेश जारी किए गए थे। जिसमें कहा गया था कि अतिथि विद्वान के पद को अन्य अतिथि विद्वान से नहीं भरा जा सकेगा। जिसके बाद अब इस मामले में उच्चतम न्यायालय ने गृह सचिव, मध्य प्रदेश शासन, प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा सहित अन्य को नोटिस जारी कर उनसे जवाब तलब किया है।