इंदौर को एशिया के सबसे बड़े CNG प्लांट की सौगात, गोबर खरीदेगी सरकार, गैस से चलेंगी सिटी बसें

Pooja Khodani
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indore bio cng plant

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट।मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मिनी मुंबई कहे जाने वाले इंदौर को आज 19 फरवरी 2022 शनिवार को पीएम नरेन्द्र मोदी ने बड़ी सौगात दी है। पीएम नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने इंदौर शहर के ट्रेंचिंग ग्राउंड में निर्मित किए गए एशिया के सबसे बड़े बायो सीएनजी प्लांट 550 टन प्रतिदिन टीपीडी क्षमता वाले गोवर्धन बायो-सीएनजी प्लांट(Govardhan Bio-CNG Plant) का लोकार्पण कर दिया है।इन्दौर नगर का वेस्ट सेग्रीगेशन उत्तम क्वालिटी का होने से इस प्लांट को इन्दौर में स्थापित करने का निर्णय लिया गया है।

इस प्लांट से बायो सीएनजी 18-17 टीडीपी, जैविक खाद 100 – टीपीडी का उत्पादन होगा।यह प्लांट PPP मोड पर बना है, जिससे इंदौर नगर निगम को प्रतिवर्ष ढ़ाई करोड़ रुपए का रेवेन्यू प्राप्त होगा।वही उत्पादित गैस से सिटी बसें भी चलेंगी।इस मौके पर पीएम मोदी ने मप्र सरकार और सीएम की तारीफ करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी टीम को बधाई देता हूं, जिनके समर्पण से इंदौर ने स्वच्छता और नवाचार के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान स्थापित की है। इंदौर वासियों ने संकल्प से सिद्ध कर दिया कि उन्हें अपने नगर से कितना प्रेम है।

पीएम मोदी के भाषण के अंश-

  • इंदौर का नाम आते ही परम श्रद्धेय देवी अहिल्याबाई जी, महेश्वर और उनके सेवा भाव का स्मरण होता है। समय के साथ इंदौर बदला, लेकिन अहिल्या बाई जी की प्रेरणा खोने नहीं दी, अब उसकी पहचान देवी अहिल्याबाई के साथ स्वच्छता के लिए भी हो रही है।
  • मुझे अत्यंत खुशी है कि मेरे संसदीय क्षेत्र वाराणसी में देवी अहिल्याबाई जी की प्रतिमा स्थापित की गई है। इंदौरवासी जब काशी जायेंगे, तो उन्हें गर्व और आनंद की अनुभूति होगी।
  • गोबरधन योजना ‘कचरे से कंचन’ बनाने का अभियान है। इसकी जानकारी, सहभागिता ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचे, जिससे देश को प्रदूषण से मुक्त करने के साथ ही उन्हें पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों से जोड़ा जा सके।
  • इंदौर के इस गोबर धन प्लांट से एक तरफ जहां शहर कचरा मुक्त होगा, वहीं दूसरी तरफ क्लाइमेट कमिटमेंट भी पूरा होगा।
  • किसी भी चुनौती से निपटने का दो तरीका है, या तो तत्कालीन समाधान निकाल लें या ऐसा स्थायी समाधान निकालें, जिससे सभी का लाभ हो। हमने पिछले 7 वर्षों में समस्याओं के स्थायी समाधान पर जोर दिया है।
  • इंदौर में स्थापित यह सीएनजी प्लांट उसी स्थान पर है, जहां कभी कचरे के पहाड़ थे, इससे वायु प्रदूषण के साथ संक्रमण का खतरा था, इंदौर वासी परेशान रहते थे। अब यहां ऐसा प्लांट स्थापित है जो इंदौर की हवा शुद्ध करने के साथ ही ऊर्जा भी देगा।
  • अब हमारा फोकस घर, गली और शहरों से निकले कचरे तथा कूड़े के पहाड़ से मुक्त करना है। इस दिशा में इंदौर ने अनेक अभिनव प्रयास किये हैं, जो देश को दिशा दिखायेगा। हमारे देश के शहरों में पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं, पवित्र और ऐतिहासिक स्थल मौजूद हैं, लेकिन कमी स्वच्छता की है। आप देखिए, इंदौर को ही बहुत ज्यादा लोग इसलिए ही देखने पहुंचते हैं कि यह स्वच्छता में कैसे शीर्ष पर है।
  • इंदौर ने वॉटर प्लस होने की उपलब्धि भी हासिल की है, यह भी अन्य शहरों को दिशा दिखायेगा। हमारा प्रयास देश के सभी शहरों को वॉटर प्लस बनाना है, इसके लिए स्वच्छ भारत मिशन में बल दिया जा रहा है।
  • इंदौर के लोग कूड़े को छह अलग-अलग हिस्सों में विभाजित करते हैं, जिससे इसकी प्रोसेसिंग सुविधाजनक और तेजी से हो सके। आप लोगों की यही भावना आपके शहर ही नहीं देश के विकास को गति देती है

जानें खासियत

  • एशिया के सबसे बड़े बायो सीएनजी प्लांट । प्लांट से बायो CNG 18-17 TDP, जैविक खाद 100 – TPD का उत्पादन होगा। इससे उत्पन्न गैस में मेथेन गैस 96 प्रतिशत प्योरिटी में पाई गई है। इससे न केवल कैलोरीफिक वैल्यू अच्छी होगी, बल्कि बायो CNG की इफेक्टिवनेस भी बढ़ेगी।
  • यह प्लांट PPP मोड पर बना है, जिससे इंदौर नगर निगम को प्रतिवर्ष ढ़ाई करोड़ रुपए का रेवेन्यू प्राप्त होगा।यह बायो सीएनजी प्लांट 100% गीले वेस्ट से संचालित होगा।बायो सीएनजी प्लांट से उत्पन्न 18 हजार केजी गैस से प्रतिदिन लगभग 400 बसें संचालित हो सकेंगी जिससे ना केवल पर्यावरण संरक्षण में सहयोग मिलेगा बल्कि वायु की गुणवत्ता में भी अपेक्षाकृत सुधार होगा।
  • बायो CNG प्लांट PPP मॉडल पर आधारित है। इस प्लांट की स्थापना पर जहाँ एक ओर नगर निगम, इन्दौर को कोई वित्तीय भार वहन नहीं करना पड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर प्लांट को स्थापित करने वाली एजेंसी IEISL, नई दिल्ली द्वारा नगर निगम, इन्दौर को प्रतिवर्ष ढाई करोड़ रुपये प्रीमियम के रूप में दिये जायेंगे।
  • इस प्लांट में प्रतिदिन 550 एमटी गीले कचरे (घरेलू जैविक कचरे) को उपचारित किया जायेगा, जिससे 17 हजार 500 किलोग्राम बायो सी.एन.जी. गैस तथा 100 टन उच्च गुणवत्ता की आर्गेनिक कम्पोस्ट का उत्पादन होगा। इस प्लांट से उत्पन्न होने वाली बायो CNG में से 50 प्रतिशत गैस नगर निगम, इन्दौर को लोक परिवहन की संचालित बसों के उपयोग के लिए उपलब्ध होगी। शेष 50 प्रतिशत गैस विभिन्न उद्योग एवं वाणिज्यिक उपभोक्ताओं को विक्रय की जा सकेगी।

     

 


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