महिला दिवस पर जहां एक तरफ महिलाओं के उत्थान एवं उनके कार्य की सराहना हो रही है। सभी अपने-अपने तरह से महिला दिवस पर महिलाओं को साधने में लगे हुए हैं। वहीं प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने महिलाओं का पक्ष लेते हुए कमलनाथ सरकार पर निशाना साधा है। महिला विद्वानों पर बोलते हुए उन्होंने कहा है की आखिर कमलनाथ सरकार महिलाओं की सुध क्यों नहीं ले रही है। इस गरिमामयी मौके पर अतिथि विद्वानों का मुंडन वाकई कमलनाथ सरकार के लिए शर्म की बात है।
भार्गव ने आगे कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ और उनकी पूरी सरकार के लिए इससे ज्यादा शर्म की बात और क्या हो सकती है कि महिला दिवस पर महिलाओं को अपने अधिकारों के लिए मुंडन कराना पड़ रहा है। अतिथि विद्वानों इतने दिनों से अपनी मांगों को लेकर धरना दे रहे हैं, लेकिन अब तक उनकी सुध लेने के लिए सरकार का कोई भी जिम्मेदार उनके पास नहीं पहुँचा है। मुख्यमंत्री और कांग्रेस के नेताओं को तो सिर्फ सरकार बचाने की चिंता है।
साथ ही उन्होंने कहा कि प्रदेश भर के अतिथि विद्वान अपनी मांगों को लेकर इतने दिनों से राजधानी के शाहजहानी पार्क में आंदोलन कर रहे हैं। यहाँ पर कई महिलाएं भी अपने बच्चों के साथ हैं। वे ठंड में परेशान हो रहे हैं, लेकिन इनकी इन परेशानियों को सरकार नजरअंदाज कर रही है। सरकार की हठधर्मिता के कारण कई अतिथि शिक्षक बेरोजगार हो गए हैं। इस बेरोजगारी के कारण पिछले दिनों एक शिक्षक आत्महत्या कर चुका है तो वहीं एक बालक की इलाज के अभाव में मौत हो चुकी है। इसके बाद भी मुख्यमंत्री इन शिक्षकों को लेकर कोई निर्णय नहीं कर रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष ने यह भी कहा कि महिला दिवस पर महिलाओं को सम्मान मिलना चाहिए, लेकिन कांग्रेस के राज में महिलाओं का अपमान किया जा रहा है। इन महिलाओं को अपने अधिकारों के लिए सड़कों पर उतरकर अपने सिर भी मुंडवाने पड़ रहे हैं।सरकार को सुझाव देते हुए भार्गव ने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ को मंत्रालय से निकलकर जमीनी हकीकत भी देखनी चाहिए। सरकार इन अतिथि विद्वानों की मांगों को पूरा करें और महिलाओं के सम्मान के साथ खिलवाड़ न करें।
बता दें कि नियमितीकरण की मांग पर को लेकर अतिथि विद्वान सरकार के खिलाफ़ आंदोलन कर रहे हैं ।कांग्रेस सरकार ने अपने वचन पत्र में अतिथि विद्वान को नौकरी देने का वादा किया था। और अब सरकार द्वारा इस मामले पर चुप्पी से वह आंदोलन कर रहे हैं।