भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (MP) में भ्रष्टाचार (corruption) अधिकारी कर्मचारियों पर कार्रवाई का सिलसिला जारी है। कई अधिकारियों को निलंबित (suspend) कर दिया गया है। इस बीच बड़ी कार्यवाही शिवपुरी जिले में की गई है। जहां सीएम (CM Shivraj) के आदेश की अवहेलना करने के साथ ही पंचायत सचिव द्वारा आहरण किए जाने के बाद जिला पंचायत सीईओ (jila Panchayat CEO) द्वारा जांच के बाद यह कार्रवाई की गई है।
दरअसल शिवपुरी में पंचायत सचिव रामकृष्ण धाकड़ द्वारा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आदेश की अवहेलना करते हुए लाखों रुपए की राशि का हरण किया गया था इस मामले में ग्राम पंचायत चक्र के ग्राम प्रधान की शिकायत पर जिला पंचायत सीईओ उमराव सिंह मरावी ने पंचायत सचिव को तत्काल प्रभाव से निलंबित (suspend) कर दिया है।
जानकारी के मुताबिक पंचायत के प्रधान राजकुमारी ने जिला पंचायत सीईओ को शिकायत दर्ज कराई थी जिसमें कहा गया था कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 17 जनवरी को ग्राम प्रधान को वित्तीय अधिकार वापस कर दिए थे। बावजूद इसके पंचायत सचिव रामकृष्ण धाकड़ द्वारा ₹800000 की राशि का आहरण किया गया था।
यह मामला उनके संज्ञान में आने के बाद उन्होंने पंचायत सचिव से इस मामले में पूछताछ की पर राशि के उचित हिसाब नहीं मिले। जिसके बाद इस मामले में जिला पंचायत सीईओ को शिकायत की गई। शिकायत की जांच के बाद आरोप सही पाए जाने के बाद पंचायत सीईओ उमराव सिंह मरावी ने पंचायत सचिव रामकृष्ण ठाकुर को निलंबित कर दिया है।
वहीं दूसरी कार्रवाई नर्मदा पुरम के बनखेड़ी में की गई जहां नर्मदा पुरम आयुक्त ने वित्तीय अनियमितता का दोषी पाते हुए शासकीय कन्या स्कूल के प्राचार्य बलराम सोनी को निलंबित कर दिया है। इस मामले में आई जानकारी के मुताबिक 2 महीने पूर्व आयुक्त को ग्राम के लोगों ने लिखित शिकायत दर्ज कराई थी। जिसमें कहा गया था कि मानकवाड़ा शासकीय प्राथमिक शाला के शिक्षक वीरेंद्र कुमार साह कई वर्षों से अनुपस्थित हैं। उनके वेतन लगातार स्कूल के प्रभारी प्राचार्य द्वारा भुगतान किए जा रहे हैं।
स्कूल में अनुपस्थित होने के बावजूद उनका वेतन मिलना और उसकी अपात्रता के बावजूद यह नियम विरुद्ध संविलियन का हिस्सा है। शिकायत के बाद नर्मदा पुरम आयुक्त द्वारा इस मामले में जांच के आदेश दिए गए। इस मामले में पिपरिया सहायक संचालक श्री लाल रघुवंशी और बनखेड़ी के सहायक संचालक सुनीता भारद्वाज द्वारा जांच प्रक्रिया पूरी की गई। जांच में जो बातें निकल कर सामने आई। उसमें माना गया कि लगभग वर्षों से अनुपस्थित होकर भी प्रीति परते लगातार वेतन ले रही थी।
वही उनके पति वीरेंद्र कुमार साह को भी स्कूल प्राचार्य द्वारा नियम विरुद्ध पहुंचाया जा रहा था। बता दे कि वीरेंद्र कुमार साह और प्रीति परते पति पत्नी हैं। इस मामले में जांच के बाद स्कूल प्राचार्य बलराम सोनी मानकवाड़ा के शिक्षक वीरेंद्र कुमार साह को ₹4,18,950 जबकि शासकीय प्राथमिक विद्यालय नयागांव में पदस्थ प्रीति परते को ₹80,950 का वेतन दिया गया है।
जांच रिपोर्ट में इस बात को गंभीर अनियमितता मानते हुए यह पूछा गया कि वीरेंद्र कुमार साह सितंबर 2017 से नवंबर 2021 तक लगातार अनुपस्थित रहे हैं। इस मामले में आयुक्त, नर्मदा पुरम का कहना है कि मामला काफी गंभीर है। प्रभारी स्कूल प्राचार्य को निलंबित कर दिया गया है। वहीं जिन शिक्षकों ने अनुपस्थिति के बाद गलत तरीके से वेतन लिए उन पर कार्रवाई की जा रही है। ऐसे मामले में कठोर कार्रवाई का प्रावधान है।