उपचुनाव से पहले बड़ा झटका, चुनाव आयोग ने पार्टी के नाम और चिन्ह पर लगाई रोक

Kashish Trivedi
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पटना, डेस्क रिपोर्ट। उपचुनाव से पहले लोजपा को बड़ा झटका लगा है। बिहार (bihar) के राजनेता चिराग पासवान (chirag paswan) और उनके केंद्रीय मंत्री चाचा पशुपति पारस (pashupati nath paras) के बीच विवाद के परिणामस्वरूप इस महीने के अंत में बिहार में दो सीटों पर होने वाले उपचुनाव (by-election) से पहले चुनाव आयोग(election commission) ने लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के नाम और चुनाव चिह्न (एक बंगला) पर रोक लगा दी है।

यह कदम कुशेश्वर अस्थान और तारापुर सीटों पर 30 अक्टूबर को होने वाले उपचुनाव से पहले आया था, जिसमें चुनाव निकाय ने दोनों पक्षों के प्रतिस्पर्धी दावों का जवाब देते हुए कहा था कि जब तक यह तय नहीं हो जाता कि पार्टी के अधिकांश सदस्यों का समर्थन किसके पास है आयोग का निर्णय ऐसे सभी प्रतिद्वंद्वी वर्गों पर बाध्यकारी होगा।

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आयोग ने चिराग पासवान और पारस को सोमवार दोपहर 1 बजे तक उपचुनाव के लिए अलग-अलग नाम और चुनाव चिह्न देने को कहा गया है। दो प्रतिद्वंद्वी गुटों द्वारा सत्ता में चुनाव लड़ने का दावा इस साल की शुरुआत में सामने आया, जब चिराग और उनके चाचा पशुपति राम पारस दोनों ने लोजपा पर नियंत्रण का दावा किया और एक दूसरे को “निष्कासित” करने के आदेश पारित किए।

पारस ने चिराग को छोड़कर लोजपा के शेष पांच सांसदों में से चार के समर्थन का दावा किया था और चिराग को संसदीय दल के नेता के पद से हटा दिया था। पारस ने दावा किया कि वह “पार्टी को नहीं तोड़ रहे हैं बल्कि “इसे बचा रहे हैं”। इसके बाद पारस गुट ने कहा कि उसने चिराग को लोजपा प्रमुख के पद से हटा दिया है।


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