MP: कर्मचारियों की बड़ी तैयारी, पुरानी पेंशन बहाली-वेतन विसंगति और DA की मांग, क्या मिलेगा लाभ?

Pooja Khodani
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। आगामी विधानसभा चुनावों से पहले हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के बाद अब मध्य प्रदेश में भी पुरानी पेंशन योजना (old Pension Scheme) बहाली की मांग तेज हो चली है। एक तरफ कांग्रेस ने मास्टर स्ट्रोक खेलते हुए सत्ता में आते ही इसे पुन लागू करने का वादा किया है वही दूसरी तरफ कर्मचारी संगठनों ने 7 अक्टूबर को धरने प्रदर्शन का ऐलान किया है। इसकी जानकारी तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी द्वारा दी गई है।वही कर्मचारी संगठनों ने 2 अक्टूबर को भी प्रदेश के सभी जिलों में गांधी प्रतिमा के सामने धरना देने का ऐलान भी किया है।

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प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी  ने बताया कि पुरानी पेंशन बहाली,लिपिकों की वेतन विसंगति,सीपीसीटी परीक्षा खत्म करने,परिवीक्षा अवधि पूर्व की भांति रखने, 33 वर्ष की जगह पेंशन हेतु 25 वर्ष की सेवा में पूरी पेंशन देने केंद्र के समान केंद्रीय तिथि से कार्यरत एवं सेवानिवृत्त अधिकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ता महंगाई राहत देने रिक्त पदों की भर्ती पर संविदा स्थाई कर्मियों को नियमित करने वाहन,मकान भाड़ा भत्ता बढ़ाने एवं अन्य प्रमुख मांगों को लेकर 7 अक्टूबर 2022 सतपुड़ा भवन भोपाल के सामने तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ द्वारा दोपहर 1:00 बजे से धरना होगा धरने को लेकर तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ की आज हुई भोपाल जिले की बैठक में निर्णय लिया गया ।

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इधर, आगामी विधानसभा चुनावों से पहले पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ऐलान किया है कि अगर मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनेगी तो पुरानी पेंशन योजना को दोबारा से लागू किया जाएगा। उन्होंने सोशल मीडिया पर ट्वीट कर साफ कर दिया है कि अगर कांग्रेस की सरकार बनती है, तो तुरंत ही पुरानी पेंशन योजना लागू कर दी जाएगी। खास बात ये है कि कमलनाथ ने ये ऐलान ऐसे समय पर किया है जब 7 अक्टूबर को प्रदेशभर में लाखों कर्मचारी आंदोलन करने वाले है। चुनाव से पहले कांग्रेस के इस वादे ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है।

ऐसे समझें OPS और NPS में अंतर

  • वर्तमान में अंशदायी पेंशन के तहत कर्मचारियों के मूल वेतन से 10% राशि काटी जाती है, जिसमें 14 % सरकार मिलाती है। ब्याज सहित कुल जमा राशि का 40 से 60 % हिस्सा कर्मचारी को सेवानिवृत्ति पर एकमुश्त देते हैं और शेष राशि से पेंशन मिलती है, जो वर्तमान में 500 से 3 हजार रुपये तक है।
  • OPS अगर रिटायरमेंट के दौरान जिस का वेतन 50000 रू मासिक होगा उसको करीब 25000 रू मासिक पेंशन आजीवन मिलेगी। हर साल दो बार DA बढ़ता है और पेंशनर की मौत होने पर उसकी पत्नी को परिवार पेंशन दी जाती है। OPS बहाल होने से अधिकारियों और कर्मचारियों को अपने हिस्से की 10% की बचत होगी और लाइफ टाईम पेंशन के रूप में आधा वेतन मिलता रहेगा।
  • 1 जनवरी 2005 के बाद प्रदेश में 3.35 लाख से ज्यादा कर्मचारी सेवा में आ चुके हैं, जो पेंशन नियम-1972 के दायरे में नहीं आते। 2.87 लाख अध्यापक संवर्ग से हैं, जो 2008 में सरकारी शिक्षक बन गए। बचे हुए 48 हजार पर नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) लागू है।

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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