MP Old Pension Scheme 2022 : मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों-पेंशनरों के लिए बड़ी खबर है। पुरानी पेंशन योजना प्रदेश में लागू होगी या नहीं ? इसका जवाब राज्य की शिवराज सरकार ने दे दिया है। मप्र विधानसभा के शीतकालीम सत्र में विधायकों द्वारा लगाए गए तीन अलग-अलग प्रश्नों के उत्तर में वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने स्पष्ट किया है कि ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है, यानि प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना बहाल नहीं की जाएगी।
दरअसल, राजस्थान, छत्तीसगढ़, पंजाब और झारखंड में पुरानी पेंशन योजना लागू करने के बाद अब देशभर में इसकी बहाली की मांग दिनों दिन तेज होती जा रही है। मध्य प्रदेश में भी कर्मचारी संगठन और विपक्ष लगातार इसकी मांग उठाए हुए है, लेकिन वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने मंगलवार को विधानसभा में एक सवाल के जवाब में स्पष्ट कर दिया है कि ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। पुरानी पेंशन को लेकर कोई प्रस्ताव कैबिनेट में नहीं रखा गया है।सरकार तथ्यों का उचित विश्लेषण करके निर्णय लेती है।
कोई प्रस्ताव नहीं, नहीं होगी लागू
वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि एमपी में सरकारी कर्मचारियों की पेंशन बहाली नहीं होगी। 2005 के बाद नियुक्त हुए अधिकारियों-कर्मचारियों को पेंशन देने का कोई प्रस्ताव नहीं है। 1 जनवरी 2005 के बाद नियुक्त कर्मचारियों के लिए राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली लागू है, इसी तरह पेंशनर की महंगाई राहत में वृद्धि के लिए छत्तीसगढ़ की सहमति प्राप्त करने की अनिवार्यता को समाप्त करने के संबंध में भी कोई प्रस्ताव नहीं है। नई पेंशन योजना में प्रदेश के चार लाख 83 हजार 332 कर्मचारी आते हैं।
सत्ता में आते ही करेंगे बहाल
हाल में ही में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ ने ट्वीट कर लिखा था कि शिवराज सरकार द्वारा बंद की गई सरकारी कर्मचारियों की पेंशन को मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार बनते ही फिर बहाल किया जाएगा। ।वही पीसी शर्मा ने कहा कि हम अपने वचन पत्र में पुरानी पेंशन बहाली और संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का वचन देंगे।
कर्मचारियों की बड़ी तैयारी
बता दे कि हाल ही में नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम भारत (NMOPS-MP) के राज्य मीडिया प्रभारी एच एन नरवरिया ने भी ओपीएस की मांग की है।हाल ही में उन्होंने धरना प्रदर्शन भी किया था और अब अपनी प्रमुख मांगों को लेकर NMOPS-MP आगामी जनवरी 2023 में अन्य कर्मचारी संघ को साथ लेकर अन्य संगठन के पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे और आगे की रणनीति तैयार करेंगे।