कोरोना केसों पर सरकार की बड़ी तैयारी, राज्य शासन ने कलेक्टर्स और CMHO को जारी किए संशोधित दिशा-निर्देश

Kashish Trivedi
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश में कोरोना केसों (MP Corona cases) में भारी बढ़ोतरी देखी जा रही है। तीसरी लहर (Third Wave) के बीच बढ़ते केसों पर आए दिन केंद्र सरकार की तरफ से नए गाइडलाइन (New Guideline) जारी किए जा रहे हैं। वहीं राज्यों को इस गाइडलाइन (Guideline) के पालन के निर्देश दिए जा रहे हैं। इसी बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से प्राप्त गाइडलाइन के मुताबिक मध्यप्रदेश में कोरोना (MP Corona) संक्रमितों को डिस्चार्ज करने के संबंध में संशोधित दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इस मामले में राज्य शासन ने सभी कलेक्टरों और सीएमएचओ को निर्देश दिए हैं।

प्रशासन की तरफ से जारी दिशा-निर्देश के मुताबिक स्वास्थ्य आयुक्त डॉ सुदाम खेड़ा ने कहा कि संशोधित डिस्चार्ज नीति कोरोना के संशोधित प्रबंधन, प्रोटोकॉल, होम आइसोलेशन गाइडलाइन और करुणा स्ट्रैटेजी के अनुपालन की नई तैयारी की गई है। वहीं यह तय किया गया है कि मध्यम लक्षण दिखने वाले कोरोना संक्रमित हो को डेडीकेटेड कोरोना हेल्थ सेंटर भर्ती किया जाएगा।

जारी निर्देशों में कोरोना के हल्के लक्षण वाले रोगी होम आइसोलेशन में रहेंगे। जिनकी नियमित रूप से निगरानी की जायेगी। रोगी के पॉजिटिव पाए जाने के सातवें दिन डिस्चार्ज किया जायेगा और यह भी सुनिश्चित किया जायेगा कि पिछले 3 दिनों में रोगी को लगातार बुखार नहीं आया है। डिस्चार्ज से पूर्व कोविड जाँच की आवश्यकता नहीं होगी।

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  • कोरोना के ऐसे संक्रमित जिनके लक्षणों में सुधार हो रहा है। जिनके ऑक्सीजन सेचुरेशन 93 प्रतिशत 3 दिन तक लगातार पाया जाता है और ऑक्सीजन सपोर्ट की आवश्यकता नहीं पड़ती है। साथ ही यदि कोई कोमार्बिडिटी है, परंतु उसके कारण कोई जटिलता नहीं है, उस स्थिति में ऐसे संक्रमित को चिकित्सा प्रदान करने वाले मेडिकल ऑफिसर द्वारा डिस्चार्ज (Discharge) किया जा सकता है। डिस्चार्ज के पहले कोरोना की जाँच की आवश्यकता नहीं होगी।
  • ऐसे संक्रमित जिनके लक्षणों में सुधार नहीं हुआ और ऑक्सीजन की आवश्यकता निरंतर बनी रहती है। उन्हें उपचार देने वाले Doctors द्वारा क्लीनिकल लक्षणों में सुधार होने, बिना ऑक्सीजन सपोर्ट के 3 दिन तक लगातार ऑक्सीजन सेचुरेशन मेंटेन रहने और कोमार्बिलिटी में जटिलता नहीं होने पर डिस्चार्ज किया जायेगा।
  • कोरोना के गंभीर रोगी, जिनमें एचआईवी पेशेंट, ट्रांसप्लांट थैरेपी और कैंसर रोगी, जो इम्यूनोकॉम्प्रोमाइज्ड सम्मिलित हैं, को डिस्चार्ज का क्राइटेरिया रोगी के क्लीनिकल सुधार और उपचार करने वाले चिकित्सक पर निर्भर करेगा।
  • डिस्चार्ज के बाद सभी कोरोना संक्रमित अपने स्वास्थ्य की निगरानी अगले 7 दिन तक करेंगे और मास्क पहनेंगे।
  • डिस्चार्ज के बाद यदि रोगी को बुखार, खाँसी या साँस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण उत्पन्न होते हैं और यह लक्षण लगातार बने रहते हैं, ऐसी स्थिति में रोगी को चिकित्सक से तत्काल सम्पर्क कर क्लीनिकल मार्गदर्शन लेना चाहिये।
  • रोगी जिले के कोविड कंट्रोल सेंटर की हेल्पलाइन पर सम्पर्क कर सकता है।
  • स्वास्थ्य आयुक्त डॉ. सुदाम खाड़े ने कोरोना रोगियों के डिस्चार्ज संबंधी संशोधित दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के लिये सभी कलेक्टर्स और सीएमएचओ को कहा है।

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