जबलपुर, संदीप कुमार। मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव (MP Panchayat Election) का बिगुल जल्द ही बजने वाला है। शिवराज सरकार ने इसकी फाइनल तैयारी करते हुए केबिनेट में प्रस्तुत किये जाने वाला ड्राफ्ट (Draft) भी बना लिया है। यह जानकारी पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव (Gopal bhargava) ने आज जबलपुर में दी।पत्रकारों से चर्चा में गोपाल भार्गव ने कहा कि कोरोना के कारण पूर्व में पंचायत चुनाव स्थगित किये गए थे लेकिन अब इसमें और देरी नहीं की जाएगी। वही माना जा रहा है कि 6 दिसंबर के बाद प्रदेश में पंचायत चुनाव की तारीखों के ऐलान किया जा सकता है।
लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि साल 2014 के परिसीमन के आधार पर पंचायत चुनाव कराए जाएंगे।यहां आपको बता दें कि कमलनाथ सरकार द्वारा नए सिरे से कराए गए परिसीमन को शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने रद्द कर दिया है। गौरतलब है कि प्रदेश के 52 जिलों में 23912 ग्राम पंचायत, 313 जनपद पंचायत अध्यक्ष और 52 जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए चुनाव कराए जाने हैं।
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दरअसल जारी नवीन अध्यादेश के संबंध में चर्चा की। अध्यादेश के अनुसार पूर्ववर्ती परिसीमन निरस्त हो जाने से ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत और जिला पंचायत क्षेत्र का निर्वाचन उस परिसीमन एवं विभाजन के आधार पर किया जाना है, जो उनकी संबंधित अवधि की समाप्ति के ठीक पहले विद्यमान थे। ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत और जिला पंचायत क्षेत्र के प्रवर्ग उन्हीं प्रवर्गों के लिये आरक्षित बने रहेंगे, जैसे कि वे उनकी संबंधित अवधि की समाप्ति पर थे। अध्यादेश ऐसी ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत और जिला पंचायत क्षेत्र पर नहीं होगा, जो संबंधित पंचायतों के अंतिम निर्वाचन के बाद किसी नगरीय क्षेत्र में शामिल हो गये हैं।
वहीं मध्य प्रदेश में पुलिस कमिश्नर प्रणाली को लेकर गोपाल भार्गव ने कहा कि पिछले 20 सालों से इसे लेकर किंतु-परंतु चल रहा है।अब जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दृढ़ निश्चय कर लिया है और इसे अगले साल की शरुआत में लागू कर दिया जाएगा।उन्होंने कहा कि पुलिस कमिश्नर प्रणाली के बहुत फायदे है। अभी फिलहाल भोपाल और इंदौर में इसे लागू करने की तैयारी है।दो जिलों के परिणामों के बाद मध्य प्रदेश के दूसरे जिलों में भी इसे लागू करने का विचार हैं।