भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। आज राष्ट्रीय किसान दिवस (National Farmers Day) के मौके पर शिवराज सरकार (Shivraj Goverment) में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री बिसाहूलाल सिंह (Bisahulal Singh) ने बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि चावल (Rice) को दो साल से अधिक समय तक संग्रहीत नहीं रखा जा सकता। दो साल के बाद चावल की क्वालिटी खराब होने लगती है, इसलिए दो साल((Two year) से अधिक समय से रखे स्टॉक (Stock) को समाप्त किया जाएगा।
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दरअसल, मंगलवार को प्रदेश के चावल उद्योग महासंघ के पदाधिकारी मंत्री बिसाहू लाल से मंत्रालय में चर्चा करने पहुंचे थे। वही मिलर्स एसोसिएशन (Millers Association) के पदाधिकारियों द्वारा धान टेस्ट मिलिंग (Test milling) का जिक्र करने पर मंत्री सिंह ने उन्हें आश्वस्त किया कि एक सप्ताह के अंदर ही प्रदेश में सर्वाधिक धान की पैदावार वाले जिले शहडोल (Shahdol), बालाघाट (Balaghat), सिवनी (Seoni) एवं जबलपुर (Jabalpur) में टेस्ट मिलिंग की कार्रवाई की जायेगी। टेस्ट मिलिंग में जो भी परिणाम आयेंगे उसके अनुरूप ही निर्णय लिया जायेगा।
बिसाहूलाल सिंह ने कहा कि धान मिलर्स ध्यान रखें कि धान का उठाव एवं भंडारण समय पर हो। सुनिश्चित करें कि मिलर्स के पास समय पर धान पहुँचे और धान मिलर्स भी मिलिंग के बाद चावल को निश्चित समय-सीमा में वापिस करें। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) की मंशा एवं विभाग के निर्णय के अनुसार किसानों (Farmers) की उपज का एक-एक दाना क्रय किया जायेगा।
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प्रमुख सचिव फैज़ अहमद किदवई (Faiz Ahmed Kidwai) ने कहा प्रदेश में धान की कुछ किस्मों की मिलिंग किये जाने पर भारत सरकार (Indian Government) के मापदंड अनुसार झड़ती एवं अन्य मापदंड पूरे नहीं होते थे। राज्य शासन (State Government) के निर्णय अनुसार ऐसी चयनित किस्म की धान मिलिंग कराकर मापदंड अनुसार चावल प्राप्त नहीं होने पर आगामी वर्षों में धान की ऐसी किस्मों के स्थान पर अन्य किस्मों की बुआई पर पर्याप्त प्रचार-प्रसार पर जोर दिया जाएगा एवं किसानों को अच्छी किस्म की धान लगाने की सलाह दी जावेगी। इसी के साथ धान की किस्म के अनुसार मिलिंग मापदंड निर्धारण करने के लिए प्रदेश में उपार्जित किस्मों की टैस्ट मिलिंग कर मापदंड निर्धारित किया जाएगा।
बता दे कि वर्ष 2019-20 के लिए धान मिलिंग की प्रतिभूति राशि में शिथिलता प्रदान करते हुए डीडी/एफडी/बीजी को 40 प्रतिशत से घटाकर 30 प्रतिशत किया गया है। इसीके साथ मिलर पुरानी देयताओं के विरूद्ध धान उठा सकते हैं। प्रतिभूति के लिए कलेक्टर के माध्यम से सहकारी बैंकों से ऋण राशि उपलब्ध कराई जा सकेगी। मिलिंग कंट्रोल आर्डर में संशोधन करते हुए मिलिंग क्षमता का 50 प्रतिशत मिलिंग हेतु निर्धारित किया गया है। टेस्ट मिलिंग की सुविधा प्रदान की गई है। शेष धान का चावल एफसीआई के स्थान पर नागरिक आपूर्ति निगम में जमा कराया जा सकेगा।