भोपाल। लोकसभा चुनाव में शहीद और उनकी शहादत के नाम पर जनता से चुनाव में ‘समर्थन’ मांग रही भारतीय जनता पार्टी भोपाल लोकसभा प्रत्याशी प्रज्ञा ठाकुर के बयान के बाद बैकफुट पर दिखाई दे रही है। प्रज्ञा के बयान के 36 घंटे के भीतर देशभर में सोशल मीडिया में भाजपा की ‘देशभक्ति’ पर सवाल उठ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फर्नावणीज समेत केंद्रीय भाजपा प्रज्ञा के बयान से किनारा कर सफाई दे चुके हैं। तीसरे चरण के चुनाव में भाजपा को बड़े नुकसान की संभावना है। ऐेसे में भाजपा और संघ नेताओं के बीच भोपाल में प्रत्याशी चयन के नुकसान पर मंथन चल रहा है। साथ ही बयान की काट भी तलाशी जा रही है। संभवत: आज-कल में भाजपा का कोई बड़ा नेता दूसरा बयान देकर बहस की दिशा बदल सकता है।
भोपाल लोकसभा से भाजपा प्रत्याशी प्रज्ञा ठाकुर ने गुरुवार शाम एक बयान दिया था कि मुंबई एटीएस के तत्कालीन प्रमुख हेमंत करकरे की मुंबई हमले में मौत उनके श्राफ की वजह से हुई थी। शुक्रवार को प्रज्ञा के बयान की देशभर में निंदा हुई। शाम तक भाजपा हाईकमान ने प्रेसनोट जारी कर प्रज्ञा के बयान से किनारा कर लिया। पार्टी के दबाव में खुद प्रज्ञा ठाकुर ने शुक्रवार शाम अपना बयान वापस ले लिया। इसके बावजूद भी प्रज्ञा के बयान पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। मुंबई पुलिस समेत अन्य सुरक्षा एजेंसियों में प्रज्ञा के बयान के बाद आक्रोश है। सोशल मीडिया पर लोगों में आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है। विरोध में लोग प्रज्ञा ठाकुर को मालेगांव ब्लास्ट में आरोपी बताकर आतंकी बताने से नहीं चूक रहे हैं। प्रज्ञा के बयान के बाद देशभर में उठ विरोध के बीच भाजपा हाईकमान में चिंतन बैठक होना है, जिसमें संघ के नेता भी शामिल हैं। क्योंकि प्रज्ञा को संघ के दबाव में ही भोपाल से प्रत्याशी बनाया गया था।
जनता में संजर और प्रज्ञा की तुलना शुरू
भाजपा प्रत्याशी घोषित होने से पहले लोगों के बीच प्रज्ञा की पहचान मालेगांव ब्लास्ट के आरोपी के रूप में थी। इस बीच उनका हेमंत करकरे को लेकर बयान आने के बाद उपजे विरोध के बीच लोग भोपाल के मौजूदा सांसद आलोक संजर और प्रज्ञा ठाकुर के कार्य-व्यवहार की तुलना करने लगे हैं। चूंकि संजर सामान्य और निष्कपट, निविर्वाद छवि के नेता हैं। भाजपा ने उनके स्थान पर साध्वी प्रज्ञा ठाकुर केा प्रत्याशी बनाया है।
भाजपा को तीसरे चरण में नुकसान की संभावना
प्रज्ञा ठाकुर के बयान से बेशक भाजपा ने किनारा कर लिया है, लेकिन इसके बावजूद भी भाजपा को तीसरे चरण में 16 राज्यों में 117 सीटों पर नुकसान की संभावना है। तीसरे चरण में ऐसे राज्यों में चुनाव होना है, जहां भाजपा नेता आतंकवाद, शहीद, सेना के नाम पर जनता से चुनाव में समर्थन मांग रहे हैं। तीसरे चरण में पश्चिम बंगाल, असम, छत्तीसगढ़, गोवा, जम्मू-कश्मीर, बिहार, गुजरात, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, उड़ीसा, उप्र, पश्चिम बंगाल, दादर एवं नगर हवेली, दमन व दीप, तमिलनाडु, त्रिपुरा में चुनाव होना है।