क्या BJP में ऑल इज़ वेल है! गोपाल भार्गव की सोशल मीडिया पोस्ट के बाद जीतू पटवारी ने दिया कांग्रेस के अभियान में सहभागी बनने का निमंत्रण

अगर गोपाल भार्गव जैसे वरिष्ठ नेता पार्टी लाइन से परे जाकर खुलेआम सुरक्षा व्यवस्था का मुद्दा उठाते हैं तो वे बेवजह की बात तो हो नहीं सकती। इस तरह के सवाल उठाना अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा करना है, और इतने पुराने नेता का खुलेआम ये बात कहना किसी और बात का इशारा भी हो सकता है। तो क्या पुराने नेताओं की भाजपा से नाराज़गी का जिन्न फिर बाहर आ गया है। क्या एक बार फिर इस बात के बहाने उस बात का ज़िक्र हुआ है। पहले भी कई पुराने नेता अपनी उपेक्षा, अनदेखी का आरोप लगा चुके हैं और इस पोस्ट के बाद अब एक बार फिर वही बहस छिड़ गई है। इस बीच, कांग्रेस ने मुद्दे को लपक लिया है।

Jitu

Gopal Bhargava social media post sparks political debate : ऐसा कम ही होता है कि भाजपा नेताओं की बात पर कांग्रेस समर्थन दे। लेकिन अब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने बीजेपी के सबसे वरिष्ठ विधायक गोपाल भार्गव की बात का समर्थन किया है। इतना ही नहीं, उन्होंने तो सोशल मीडिया के ज़रिए भाजपा नेता को कांग्रेस के ‘बेटी बचाओ अभियान’ में सहभागी बनने और योगदान देने का निमंत्रण भी दे दिया है।

दरअसल एक दिन पहले पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव की सोशल मीडिया पोस्ट ने सियासी हलकों में हलचल मचा दी। इसमें उन्होंने बच्चियों पर हो रहे दुराचार को लेकर सवाल उठाया और लिखा कि क्या इन परिस्थितियों में हम रावण दहन के अधिकारी हैं। अब इस पोस्ट को शेयर करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने साधुवाद देते हुए कहा है कि दलगत राजनीति से ऊपर उठकर भाजपा नेता ने इन अपराधों की बात को स्वीकार किया है।

क्या है गोपाल भार्गव की सोशल मीडिया पोस्ट के मायने ? 

पिछले कुछ समय में मध्यप्रदेश में बच्चियों के साथ दुराचार और अन्य अपराधों में तेज़ी से इज़ाफा हुआ है। कई स्थानों से छोटी बच्चियों के साथ रेप, हत्या की घटनाएँ सामने आई। इसे लेकर कांग्रेस लगातार विरोध कर रही है और बच्चियों की सुरक्षा के मुद्दे पर प्रदेश सरकार को घेर रही है। उसने ‘बेटी बचाओ अभियान’ भी शुरु किया है। हालांकि बीजेपी सरकार इन आरोपों को नकार रही है और उसका कहना है कि पिछले सात महीने में बलात्कार की घटनाओं में कमी आई है। लेकिन रविवार को पूर्व मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ विधायक गोपाल भार्गव की एक सोशल मीडिया पोस्ट ने कांग्रेस के इन आरोपों को हवा दे दी।

जीतू पटवारी ने बीजेपी नेता को दिया ये न्यौता 

गोपाल भार्गव ने अपनी पोस्ट में बच्चियों पर हो रहे अत्याचार-अनाचार का मुद्दा उठाते हुए सवाल किया है कि क्या हम वर्तमान परिवेश में रावण दहन के अधिकारी हैं। इस पोस्ट के बाद प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई। इतने वरिष्ठ नेता द्वारा सुरक्षा को लेकर सवाल उठाना कहीं न कहीं सरकार की नीतियों पर सवाल करना भी है। इसके बाद अब कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने गोपाल भार्गव की उस पोस्ट को एक्स पर शेयर करते हुए उनसे अपने बेटी बचाओ अभियान में जुड़ने की बात कही है। जीतू ने लिखा है कि ‘गोपाल भार्गव जी, आपको साधुवाद देना चाहता हूँ कि आपने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर मध्य प्रदेश में बेटियों के साथ हो रहे अपराधों को स्वीकार किया है। यह मुद्दा भाजपा या कांग्रेस का नहीं है, बल्कि हमारे प्रदेश की बेटियों की सुरक्षा का है, जो हम सभी की ज़िम्मेदारी है। हमें मिलकर ही हमारी बेटियों के लिए एक सुरक्षित भविष्य बनाना होगा। मैं आपसे आग्रह करता हूँ कि बेटियों के हित में आप भी हमारे ‘बेटी बचाओ अभियान’ में सहभागी बनें और एक संरक्षित और भयमुक्त प्रदेश के निर्माण में अपना योगदान दें।’

फिर उठा पुराने बीजेपी नेताओं की नाराज़गी का मुद्दा   

अब गोपाल भार्गव की पोस्ट के बाद बच्चियों की सुरक्षा के मुद्दे ने एक अन्य मुद्दे पर बहस छेड़ दी है जो है भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की अपनी पार्टी से नाराज़गी का। ये कोई पहली बार नहीं है जब गोपाल भार्गव या किसी और नेता ने इस तरह के सवाल उठाए हों जो अपनी ही पार्टी के ख़िलाफ़ जाते हैं। इससे पहले भी अजय विश्नोई, भूपेंद्र सिंह सहित कई नेताओं का असंतोष और गुस्सा ज़ाहिर हो चुका है और बीजेपी की अंदरूनी कलह को लेकर सवाल उठते रहे हैं। पार्टी के कई पुराने समर्पित नेता-कार्यकर्ता इस बात से नाराज़ हैं कि कांग्रेस या दूसरों दलों से आए लोगों को ज्यादा तवज्जो दी जा रही है और उनकी अनदेखी हो रही है। अब एक बार फिर गोपाल भार्गव की सोशल मीडिया पोस्ट से ये बहस छिड़ गई है और कांग्रेस ने इस मौके को लपक लिया है।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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