भोपाल। पंद्रहवीं विधानसभा का पहला सत्र सोमवार से शुरू होगा। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने बताया कि भाजपा के सभी नवनिर्वाचित विधायकों की आवश्यक बैठक सात जनवरी को शाम पांच बजे भाजपा प्रदेश कार्यालय में बुलाई गई है। बैठक में भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं प्रदेश प्रभारी डॉ. विनय सहस्रबुद्धे विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। सूत्रों के अनुसार इस बैठक में विधायक दल का नेता चुन लिया जाएगा। बताया जाता है कि पूर्व मंत्री और पंद्रहवीं विधानसभा में वरिष्ठ विधायक गोपाल भार्गव जो आठवीं बार विधानसभा सदस्य निर्वाचित हुए हैं को नेता प्रतिपक्ष बनाया जाना करीब-करीब तय है। हालांकि नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में भाजपा के तीन पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ल, भूपेंद्र सिंह और नरोत्तम मिश्रा भी शामिल बताए जा रहे हैं।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव का नाम ब्राह्मण नेताओं में बड़ा माना जाता है। वह लगातार आठवीं बार विधायक चुने गए हैं। इस लिहाज से उनका नाम नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में सबसे आगे है। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा खुद को नेता प्रतिपक्ष दौड़ से बाहर बताया है, जिसके बाद दो नाम उभर कर सामने आये हैं। उनमे गोपाल भार्गव और दूसरा नाम नरोत्तम मिश्रा का है। नेता प्रतिपक्ष के लिए चल रही खींचतान के बीच यह साफ हो गया कि विधायक दल का नेता ब्राह्मण वर्ग से होगा। पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव ने दिल्ली में अपनी ओर से पूरा जाेर लगाया है। जिसके बाद यह माना जा रहा है कि भार्गव के नाम पर मुहर लग सकती है। भार्गव भाजपा के सबसे वरिष्ठ विधायक हैं। वहीं विपक्ष में काम करने का अच्छा अनुभव भी है।
एट्रोसिटी एक्ट को लेकर खासकर ब्राह्मण समाज में उपजे विरोध के चलते विधानसभा चुनाव में पार्टी को नुकसान हुआ है। खासकर ग्वालियर-चंबल संभाग में इसका असर ज्यादा देखने को मिला है। पार्टी का मानना है कि यदि इस क्षेत्र से ब्राह्मण समाज के किसी विधायक को प्रतिपक्ष नेता बना दिया जाए तो आगामी लोकसभा चुनाव मे पार्टी को इसका फायदा हो सकता है। फिलहाल बीजेपी में इसको लेकर मंथन जारी है, विधायक दल की बैठक में औपचारिक ऐलान किया जाएगा।