भोपाल। प्रदेश कांग्रेस का वचन पत्र आने के बाद पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ द्वारा आए दिन की जा रही घोषणाओंं से भाजपा परेशान हैं। कमलनाथ की घोषणाएं ऐसी हैं जिन्हें पूरा करने में सरकार को भारी भरकम बजट खर्च करना पड़ेगा। यदि कांग्रेस की सरकार बनती भी है तब ये घोषणाएं कैसे पूरी होंगी। यह चर्चा का विषय बना हुआ है।
कमलनाथ ने पिछले 3 दिनों के भीतर अलग-अलग लोक लुभावनी घोषणाएं की है। पहली घोषणाएं उन्होंने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को नियमित करने के लिए की थी। दूसरे दिन उन्होंने पुलिस को लेकर बड़ी घोषणा की। जिसके तहत उन्होंने ऐलान किया था कि पुलिस को सप्ताहिक अवकाश दिया जाएगा। पुलिस की भर्ती की जाएगी और 40 हजार से ज्यादा आवास बनाए जाएंगे। कमलनाथ की इस घोषणा से पुलिस महकमे में उत्साह है। कांग्रेस ने इस घोषणा के जरिए पुलिस के 1 लाख से ज्यादा परिवारों को साधने की कोशिश की है। इसके बाद उन्होंने अगली घोषणा अस्पतालों को लेकर की थी। उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों में विशेष सुविधाएं होंगी। निजी अस्पतालों की मनमानी पर अंकुश लगाया जाएगा।
इसी क्रम में कमलनाथ ने पेंशन 300 रुपए से बढ़ाकर 1000 रुपए महीना करने, सेवा सहकारी समितियों एवं राष्ट्रीय कृत बैंकों के किसान क्रेडिट कार्ड धारी किसानों का दो लाख तक का कर्जा माफ करने की घोषणा की साथ ही पटवारी, पंचायत सचिव, रोजगार सहायक अतिथि शिक्षक एवं समस्त संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा साथ ही जिन संविदा कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया है। उन्हे पुन: नौकरी में वापस रखने की घोषणा की है। इसी क्रम में कमलनाथ ने मतदान के दो दिन पहले सोमवार को फॉर एक ऐलान किया है| राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन में राज्य , ज़िला एवं ब्लॉक स्तर पर कार्यरत संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की घोषणा कमलनाथ ने की है| इन घोषणाओं से भाजपा बेहद परेशान है। भाजपा इस पड़ताल में जुट गई कि कमलनाथ की घोषणाएं पार्टी के घोषणा पत्र में शामिल हैं या नहीं। कांग्रेस ने मुद्दों पर ऐलान किया है जिनको लेकर सरकार के खिलाफ अलग अलग संगठनों ने सड़क पर आंदोलन किया है| अब देखना होगा अंतिम समय की यह घोषणा कितना असर दिखाती है|