भोपाल। मध्य प्रदेश में भाजपा के विधानसभा चुनाव हारने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद रघुनंदन शर्मा के निशाने पर हैं। एक बार फिर शर्मा ने शिवराज को चुनाव हारने के बाद कड़ी नसीहत दी है। उन्होंने कहा कि शिवराज को संन्यास लेना चाहिए और प्रदेश में उनके नतृत्व में पार्टी हार गई है तो अब उन्हें संयम में रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिवराज को अब साधारण विधायक की तरह आचार व्यवहार करना चाहिए। पार्टी के पैसे या अपने पैसे से वायुयान जैसी सुविधाओं का इस्तेमाल भी नहीं करना चाहिए।
यहीं नहीं उन्होंने कहा शिवराज को दिग्विजय सिंह के समान आदर्श प्रस्तुत करने की भी नसीहत दे डाली। उन्होंने मीडिया में दिए साक्षात्कार में कहा कि 2003 में कांग्रेस की हार के बाद दिग्विजय ने दस साल तर कोई पद न लेकर पार्टी के लिए काम करने का आदर्श सामने रखा। अब भाजपा की हार के बाद पूर्व मुख्यमंत्री चौहान को भी कार्यकर्ताओं के सामने ऐसा ही आदर्स पेश करना चाहिए। उन्होंने यह तक कह दिया कि अब चौहान को पांच-दस साल तक कोई पद नहीं लेना चाहिए और न ही कोई चुनाव लड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि चौहान को अब एक साधारण विधायक की तरह रहना चाहिए और सरकारी सुविधाओं से भी त्याग करना चाहिए।
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले ही रघुनंदन शर्मा ने चौहान को हार का जिम्मेदार ठहरा दिया था। उन्होंने कहा था कि अगर पार्टी जीत जाती है तो सेहरा चौहान के सिर होगा और अगर हारती है तो भी उनकी ही जिम्मेदारी होगी। जिसके बाद राजनीति गरमा गई थी। नतीजे आने के बाद शर्मा का बयान सही साबित हुआ। शिवराज ने सामूहिक रूप से हार स्वीकार की। यही नहीं शर्मा ने हार के कारण में एक कारण शिवराज के माई का लाल वाले बयान को भी जिम्मेदार बताया था। उन्होंने कहा था कि अगर शिवराज ऐसा बयान नहीं देते तो पार्टी को 10 से 15 सीटें और मिल सकती थीं।