भोपाल। मध्य प्रदेश में 7 जनवरी को विधानसभा सत्र आरंभ होगा। इससे पहले ही बहुजन समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है। बीएसपी प्रमुख मायावती ने कांग्रेस से एससी एसटी वर्ग पर लगे आंदोलन के दौरान केस को वापस लेने के लिए कहा है। मायावती ने कहा है कि कांग्रेस अब सत्ता में है और राजनैतिक रंजिश के चलते आंदोलन के दौरान जो केस लगाए गए थे उन्हें भी वापस लिया जाए। अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो जो समर्थन हमने कांग्रेस को दिया है उसपर विचार किया जाएगा।
माया की इस चेतावनी को धमकी के तौर भी देखा जा सकता है। दरअसल, कांग्रेस को दो सीटों का समर्थन देकर बीएसपी ने सरकार बनाने में अहम भूमिका अदा की है। कांग्रेस के पास 114 सीटें हैं। वहीं, मंत्री मंडल में भी कांग्रेस ने बीएसपी के विधायकों को शामिल नहीं किया है। ‘2 अप्रैल 2018 को भारत बंद के दौरान एससी/एसटी एक्ट 1989 के तहत राजस्थान और मध्यप्रदेश में जो केस दर्ज किया गया था उसे वापस लिया जाए, नहीं तो हमारी पार्टी कांग्रेस से समर्थन वापस ले लेगी।
पीसी शर्मा को कानून मंत्री बनाया गया है। उन्होंने कानून मंत्री बनते ही कांग्रेसियों पर फर्जी केस हटाने का ऐलान किया था। अब माया ने भी एससी एसटी वर्ग के लोगों पर लगे केस वापस लेने के लिए कांग्रेस पर दबाव बनाया है।
गौरतलब है कि बीएसपी प्रमुख मायावती राजनीति की हर नब्ज से वाकिफ हैं। वह जानती हैं कब कौन सा पेतरा जरूरी है। कांग्रेस ने प्रदेश में सरकार तो बनाली है लेकिन शक्ति परीक्षण में उसे बहुमत पेश करना है। इसी को लेकर बीएसपी ने भी बड़ा दांव लगाया है। हालांकि, बीएसपी की ओर से ये नहीं कहा गया है कि वह शक्ति प्रदर्शन से पहले या बाद में वह समर्थन वापस ले सकती हैं। उन्होंने सिर्फ कहा है कि वह इस अगर उनकी मांग नहीं मानी गई तो वह समर्थन पर विचार करेंगी।
Bahujan Samaj Party (BSP) in a press release: We demand that cases filed during the ‘Bharat band’ held on 2 April 2018 for SC/ST Act 1989 in Rajasthan & Madhya Pradesh be withdrawn. If these demands are not met, we’ll reconsider our decision to give outside support to Congress. pic.twitter.com/KCEOmzwra9
— ANI (@ANI) 31 December 2018