Budget Session of Parliament : संसद का बजट सत्र आज से शुरू हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्र की शुरुआत से पहले संसद भवन के बाहर अपने संबोधन में कहा कि ये सत्र देशवासियों में एक नया विश्वास पैदा करेगा। उन्होंने युवा सांसदों से आह्वान किया कि वे सदन में अपनी भागीदारी बढ़ाएं। इसी के साथ पीएम ने कटाक्ष करते हुए कहा कि पिछले पिछले दस साल में ऐसा पहली बार हुआ है जब संसद के सत्र से पहले कोई विदेशी चिंगारी नहीं भड़की है।
अपने संबोधन की शुरुआत प्रधानमंत्री ने मां लक्ष्मी को नमन करते हुए की। उन्होंने कहा कि मैं समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी को प्रणाम करता हूं। उन्होंने कहा कि “कहा कि ऐसे अवसर पर सदियों से हमारे यहां मां लक्ष्मी का पुण्य स्मरण किया जाता है। मां लक्ष्मी हमें सिद्धि और विवेक देती हैं। समृद्धि और कल्याण भी देती हैं। मैं मां लक्ष्मी से प्रार्थना करता हूं कि देश के हर गरीब एवं मध्यमवर्गीय समुदाय पर उनकी विशेष कृपा रहे।”
प्रधानमंत्री ने बजट सत्र से पहले किया जनता को संबोधित
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज संसद का बजट सत्र शुरू होने से पहले संसद भवन के बाहर अपने संबोधन में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर बात की। उन्होंने विकसित भारत के संकल्प को दोहराते हुए युवा शक्ति से आह्वान किया कि वे इस दिशा में अपना पूरा योगदान दें। इसी के साथ प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार बजट सत्र में कई अहम बिलों पर चर्चा होगी और देश को मज़बूत बनाने वाले कानून बनेंगे। उन्होंने कहा कि विशेषकर नारी शक्ति के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे।
पीएम मोदी के भाषण की प्रमुख बातें
1.तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट : हमारे गणतंत्र के पचहत्तर वर्ष पूरे हुए हैं। ये हर देशवासी के लिए सर्वाधिक गौरवपूर्ण है। विश्व के लोकतांत्रिक जगत के लिए भी भारत का ये सामर्थ्य अपना विशेष स्थान बनाता है। देश की जनता ने मुझे तीसरी बार ये दायित्व दिया है और इस तीसरे कार्यकाल का ये पहला पूर्ण बजट है।
2. विकसित भारत का संकल्प : मैं विश्वास से कह सकता हूं कि 2047 में जब आजादी के 100 साल होंगे, विकसित भारत का जो संकल्प देश ने लिया है, ये बजट एक नया विश्वास पैदा करेगा..नई ऊर्जा देगा कि देश विकसित होकर रहेगा। 140 करोड़ देशवासी अपने सामूहिक प्रयास से इस संकल्प को परिपूर्ण करेंगे। तीसरे कार्यकाल में हम मिशन मोड में देश को सर्वांगीण विकास की दिशा में, चाहे वो भौगोलिक रूप से हो, सामाजिक रूप से हो या आर्थिक रूप से हो, हम आगे बढ़ते जा रहे हैं।
3. Innovation, Inclusion और Investment : इनोवेशन, इन्क्लूजन और इन्वेस्टमेंट..ये लगातार हमारे आर्थिक गतिविधि के रोडमैप का आधार रहा है। इस सत्र में हमेशा की तरह कई ऐतिहासिक बिल पर सदन में चर्चा होगी और व्यापक मंथन के साथ राष्ट्र की ताकत बढ़ाने वाले कानून बनेंगे। विशेषकर नारी शक्ति के गौरव को पुन: स्थापित करना, हर नारी को सम्मानपूर्ण जीवन मिले, समान अधिकार मिले उस दिशा में इस सत्र में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे।
4. Reform, Perform और Transform : रिफॉर्म, परफॉर्म एंड ट्रांसफॉर्म..जब विकास की तेज गति को प्राप्त करना होता है तो सबसे ज्यादा बल रिफॉर्म पर रहता । राज्य और केंद्र सरकार को मिलकर परफॉर्म करना होता है और जनभागीदारी से हम ट्रांसफॉर्मेशन देख सकते है।
5. आज की युवा पीढ़ी देखेगी कल का विकसित भारत : हमारा युवा देश है और आज जो बीस पच्चीस साल की आयु के नौजवान हैं..जब वो पैंतालीस-पचास साल के होंगे तब वो विकसित भारत के सबसे बड़े लाभार्थी होने वाले हैं। उम्र के उस पड़ाव पर होंगे, नीति निर्धारण की व्यवस्था में उस जगह बैठे होंगे कि वो गर्व के साथ आजादी के बाद एक विकसित भारत के साथ आगे बढ़ेंगे। इसीलिए विकसित भारत के संकल्प की पूर्ति के प्रयास, ये अथाह मेहनत, आज जो हमारी युवा पीढ़ी है उनके लिए ये बहुत बड़ा तोहफा बनने वाला है।
6. अगले पच्चीस वर्ष विकसित भारत के संकल्प सिद्धि का समय : जो लोग 1930 में, 1942 में आजादी की जंग में जुट गए थे, पूरे देश की युवा पीढ़ी आजादी की खप गई थी इस जंग में। और उसका फल पच्चीस साल बाद जो युवा पीढ़ी आई, उसको नसीब हुए। आजादी के पूर्व के पच्चीस साल आजादी का जश्न मनाने का अवसर बना। ये पच्चीस वर्ष समृद्ध भारत विकसित भारत के संकल्प से सिद्धि और सिद्धि से शिखर तक पहुंचने का देशवासियों का इरादा है।
7. युवा सांसदों से आह्वान : बजट सत्र में सभी सांसद विकसित भारत को मजबूती देने के लिए अपना योगदान देंगे। विशेषकर जो युवा सांसद हैं उनके लिए तो सुनहरा अवसर है क्योंकि वे आज सदन में जितनी जागरूकता और भागीदारी बढ़ाएंगे, विकसित भारत उनकी नज़र के सामने रहेगा। मैं आशा करता हूं कि हम देश की आशा आकांक्षाओं पर खरे उतरेंगे।
8. दस साल में पहली बार कोई विदेशी चिंगारी नहीं भड़की : 2014 से अब तक, शायद ये पहला संसद का सत्र है जिसके एक दिन पहले कोई विदेशी चिंगारी नहीं भड़की है। विदेश से आग लगाने की कोशिश नहीं हुई है। दस साल से मैं देख रहा हूं कि हर सत्र के पहले शरारत करने के लिए लोग तैयार बैठे थे। और यहां उनके हवा देने वालों की कमी नहीं है। दस साल बाद मैं पहला सत्र देख रहा हूं जिसमें किसी भी विदेशी कोने से कोई चिंगारी नहीं उठी।
Speaking at the start of the Budget Session of Parliament. https://t.co/IC4Sk4Ppub
— Narendra Modi (@narendramodi) January 31, 2025