विस में गूंजा IAS के वीआरएस का मामला, शिवराज बोले-पोषाहार माफिया के दबाव में किया तबादला

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भोपाल। विधानसभा का शीतकालीन सत्र समय से पहले ही समाप्त हो गया शुक्रवार को सत्र के चौथे दिन विपक्ष ने सदन के भीतर भारी हंगामा किया इसके बाद स्पीकर ने बाकी कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले प्रदेश की वरिष्ठ महिला आईएएस अफसर गौरी सिंह द्वारा वीआरएस का आवेदन देकर नौकरी छोड़ने का मामला विधानसभा में भी गूंज। विपक्ष ने आरोप लगाया कि अधिकारियों को प्रताड़ित किया जा रहा है।

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आईएएस अधिकारी गौरी सिंह के कथित इस्तीफे का मामला उठाते हुए आरोप लगाया कि प्रदेश में सक्रिय पोषण आहार माफिया के दबाव में उनका तबादला करा दिया, क्योंकि उन्होंने पोषण आहार के प्लांट एमपी एग्रो को देने का विरोध किया था। जिससे व्यथित होकर वे नौकरी छोड़ने को विवश हुई।  पूर्व सीएम ने कहा राज्य में भ्रष्टाचार चरम पर है ईमानदार अधिकारियों को प्रताड़ित किया जा रहा है और दागी अफसर खुलकर खेल रहे हैं । बल्लभ भवन में दलालों के डेरा है। वहीं नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने पूछा कि सिंह ने फाइल पर ऐसा क्या लिखा था जो तबादला किया गया । वहीं पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल, जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा , वित्त मंत्री। तरुण भनोट सहित अन्य मंत्रियों ने आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया।

पीसी शर्मा ने किया पलटवार

उधर जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि जिस अधिकारी की जहां उपयोगिता होती है वहां लगाया जाता है । बल्लभ भवन में प्रदेश की जनता सांसद विधायक सहित अन्य लोग जाते हैं उन्हें अपमानित नहीं करना चाहिए, ऐसा नहीं है कि सिंह पहली अफसर है जिन्होंने वीआरएस लिया है।


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