भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (cm shivraj singh chouhan) ने गुरुवार की सुबह ऐसा काम किया जो अन्य नेताओं के लिए उदाहरण है। दरअसल मुख्यमंत्री के ससुर और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती साधना सिंह के पिता का बुधवार रात्रि दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वे लंबे समय से भोपाल के एक निजी अस्पताल में भर्ती थे।
अंतिम संस्कार के लिए उनका पार्थिव शरीर गोंदिया स्थित उनके निवास पर जाना था। ऐसे में मुख्यमंत्री ने निर्णय लिया कि उनका पार्थिव शरीर बजाय किसी सरकारी हवाई साधन के निजी हवाई सेवा के माध्यम से ले जाया जाएगा और उसका खर्चा निजी तौर पर वह वहन करेंगे। इसके लिए एक निजी कार्गो कंपनी से संपर्क किया गया और फिर पार्थिव शरीर उसी के माध्यम से गोंदिया ले जाया गया जहां पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। वर्तमान समय में राजनेताओं द्वारा सरकारी संसाधनों की की जा रही दुरुपयोग की कई कहानियां सामने आती रहती है, लेकिन ऐसे समय में मुख्यमंत्री ने यह उदाहरण प्रस्तुत करके न केवल एक मिसाल पेश की है बल्कि आम जनता को यह बताने की भी कोशिश की है कि आम जनता की गाढ़ी कमाई केवल और केवल जनता के हित के लिए प्रयोग होती है और शिवराज उसी के लिए लगातार कृत संकल्पित हैं।