भोपाल। प्रदेश में देसी शराब की दुकानों पर अंग्रेजी शराब बिकने का रास्ता साफ हो गया है। आचार संहिता लागू होने के बाद राज्य सरकार ने नई शराब नीति का प्रस्ताव चुनाव आयोग को भेजा था, जिसे आयोग ने सशर्त मंजूरी दे दी है। जल्द ही शराब दुकानों के ठेके होंगे। जल्द ही आबकारी विभाग शराब नीति का प्रकाशन करेगा।
���ई शराब नीति में शराब दुकानों के लाइसेंस नवीनीकरण के लिए बीस फीसदी अधिक फीस तय की है। वहीं, देसी शराब की दुकान से यदि अधिक राजस्व नहीं मिलता है तो फिर इन पर विदेशी शराब बेचने की अनुमति भी दी जा सकती है। प्रदेश में एक अप्रैल से शराब दुकानों के लाइसेंस का नवीनीकरण होना है। इसके लिए वाणिज्यिक कर विभाग ने 12 मार्च को प्रस्ताव भेजकर आबकारी नीति को मंजूूरी देने की मांग चुनाव आयोग से की थी। आयोग ने वैकल्पिक व्यवस्था पर विचार करने को लेकर सवाल भी पूछा था। वाणिज्कर विभाग के प्रमुख सचिव मनु श्रीवास्तव ने बताया कि शनिवार या रविवार को नीति राजपत्र में प्रकाशित कर दी जाएगी। इसके साथ ही नई नीति के हिसाब से लाइसेंस नवीनीकरण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। उधर, जिलों में ऑनलाइन आवेदन बुलाने की तैयारी हो गई है।
इस तरह होगा लाइसेंस का नवीनीकरण
देसी और विदेशी शराब की दुकानों के वार्षिक मूल्य 2018-19 में इस बार बीस फीसदी की वृद्धि कर लाइसेंस का नवीनीकरण किया जाएगा। नवीनीकरण, आरक्षित मूल्य से जो राजस्व मिलना प्रस्तावित है, उसका 70 प्रतिशत या उससे अधिक राशि का आवेदन प्राप्त होने पर ही किया जाएगा। यदि नवीनीकरण के लिए बीस फीसदी वृद्धि देने कोई तैयार नहीं होता है तो फिर आवेदन बुलाकर लॉटरी निकाली जाएगी। इसमें भी यदि कुछ दुकानें बच जाती हैं और 70 प्रतिशत राजस्व का आंकड़ा पार नहीं होता है तो जिले की सभी दुकानों की नई सिरे से नीलामी की जाएगी। लेबल पंजीयन प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। यह पंजीयन अब एक की जगह दो साल के लिए होगा। सरकारी होटल, तीन सितारा होटल और हेरिटेज होटल में संचालित बार लाइसेंस का नवीनीकरण अपने आप हो जाएगा। इसके लिए उन्हें आवेदन नहीं करना होगा। एफएल 3 होटल बार लाइसेंस के लिए लाइसेंस फीस में दस प्रतिशत होगी। अन्य क्लब लाइसेंस में यह वृद्धि 25 प्रतिशत रहेगी।
शिवराज ने उठाये सवाल
शराब नीति बदलाव पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सवाल उठाये और पूछा है कि आखिर सरकार की मंशा क्या है| उन्होंने कहा हम धीरे -धीरे शराब की दुकान कम कर रहे थे, शराब की दुकान कम कर प्रदेश को नशा मुक्ति की ओर ले जा रहे थे, उसमें भी देशी शराब की दुकान पर विदेशी शराब भेजने का प्रस्ताव आया था, लेकिन हमने साफ इंकार कर दिया था| शिवराज ने कहा क्योंकि अगर देशी दुकान विदेशी शराब बिकती है तो वो विदेशी शराब के नई दुकान खुलने की तरह था| तब भी मै विरोध करता था आज भी विरोध कर रहा हूं| शिवराज ने आबकारी नीति को देर से लागू करने पर भी सवाल उठाये हैं| उन्होंने कहा आबकारी नीति बनाने मे देर क्यों की गई, यह सब को पता था चुनाव की आचार सहिता लगने वाली है| फिर पहले ही क्यों नहीं लागू की गई| शिवराज आबकारी नीति को लेकर टाइमिंग पर सवाल उठाये हैं|