शहडोल में 6 बच्चों की मौत के बाद बवाल, CM ने बुलाई स्वास्थ्य अधिकारियों की आपात बैठक

Pooja Khodani
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (Madhya pradesh) के शहडोल  (shehdol)  जिले के कुशाभाऊ ठाकरे जिला चिकित्सालय (Kushabhau Thakre District Hospital) में दो और बच्चों ने दम तोड़ दिया। 48 घंटों में 6 बच्चों की मौत पर मचे बवाल के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वास्थ्य अधिकारियों की आपात बैठक बुलाई है।वही मुख्य चिकित्सा अधिकारी (chief Medical Officer) ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं।इन नवजातों की मौत से एक बार फिर शहड़ोल की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

दरअसल, शनिवार को जिले के कुशाभाऊ ठाकरे जिला चिकित्सालय के पीआईसीयू (PICU) और एसएनसीयू (SNCU) में 4 नवजात बच्चों की मौत हो गई। बच्चों की उम्र 3 दिन से लेकर 4 महीने तक की बताई जा रही है।मृतक बच्चों में एक सिंहपुर के 3 महीने का राज कोल, दो महीने का प्रियांश, उमरिया जिले के 3 दिन की निशा और 4 महीने के पुष्पराज बताए जा रहे है। वही रविवार को एक और फिर आज सोमवार सुबह एक और बच्चे भी दम तोड़ दिया। 6 बच्चों की मौत के बाद परिजनों ने जिला अस्पताल में हंगामा करना शुरु कर दिया। मामले को बढ़ता देख रविवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने जांच (Investigation) के आदेश दे दिए ।

वही जैसे ही यह खबर शहडोल (shehdol) से लेकर राजधानी भोपाल (bhopal) पहुंची तो बवाल मच गया।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने स्वास्थ्य अधिकारियों (Health Authorities) की आज दोपहर में आपात बैठक बुलाई है। बैठक में मुख्यमंत्री अधिकारियों से पूरे मामले की जानकारी लेंगे, ऐसे में कई अधिकारियों और लापरवाहों पर गाज गिरना तय माना जा रहा है।

बता दें कि यह पहला मामला नहीं है जब इस तरह की लापरवाही सामने आई है। इससे पहले भी 24 घंटे के अंदर 6 बच्चे की मौत हुई थी। जिसके बाद खुद मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अस्पताल पहुंचे थे। लापरवाही को ध्यान में रखकर सिविल सर्जन और सीएमओ को उनके पद से हटाया गया था। वही बच्चे की लगातार हो रही है मौत पर जिले में हड़कंप की स्थिति मच गई है।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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