भोपाल।
छिंदवाड़ा सीट से विधानसभा उपचुनाव जीतने के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज विधायक पद की शपथ ले ली है।कई विधायकों-मंत्रियों की मौजूदगी में विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति उनको विधायक पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव भी मौजूद रहें।बता दे कि हाल ही में सीएम कमलनाथ ने छिंदवाड़ा विधानसभा उपचुनाव में जीत दर्ज की थी, उन्होंने बीजेपी के विवेक साहू को हराया था।इससे पहले 17 दिसम्बर को कमलनाथ ने मुखमंत्री पद की शपथ ली थी। तब कमलनाथ छिंदवाड़ा से सांसद थे। वे विधानसभा के सदस्य नहीं थे। अब चुनाव जीतने के बाद वे शपथ लेकर विधानसभा के सदस्य बन जाएंगे।
दरअसल, नियम के मुताबिक मुख्यमंत्री बनने के छह महिने के अंदर विधानसभा का सदस्य होना जरुरी है।जिसकी अवधि 16 जून को समाप्त हो रही है। इसी के चलते हाल ही में हुए उपचुनाव में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने छिंदवाड़ा सीट से चुनाव लड़ा था और विजयी हुई। छिंदवाड़ा विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में कमलनाथ 22 राउंड की वोटों की गिनती के बाद 24509 मतों से विजयी हुए थे। सीएम कमलनाथ को 112220 वोट मिले। वहीं बीजेपी उम्मीदवार विवेक साहू को 87711 मिले। दीपक सक्सेना यहां से विधायक चुने गए थे, लेकिन सीएम कमलनाथ के लिए उन्होने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद उपचुनाव हुआ, जिसमे कमलनाथ जीते।आज सोमवार को विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने उन्हें विधायक पद की शपथ दिलाईऔर इसी के साथ वे विधानसभा के सदस्य हो गए। वही अगले महिने विधानसभा का सत्र शुरु होने जा रहा है।
दूसरा मौका है जब सीएम के सदन में नहीं होगी शपथ
यह दूसरा मौका है जब किसी मुख्यमंत्री को विधानसभा सत्र से हटकर शपथ दिलाई जा रही है। इसके पूर्व 2006 में भी तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को 12 मई को तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष ईश्वरदास रोहाणी ने विधानसभा सत्र के पहले विधायक की शपथ दिलाई थी।
आठ बार रह चुके हैं सांसद
कमलनाथ ने स्कूली शिक्षा देहरादून स्कूल से की. इसके बाद सेंट जेवियर कॉलेज कोलकाता से उन्होंने कॉमर्स में ग्रेजुएशन किया। वह 1979 में पहली बार छिंदवाड़ा से सांसद चुने गए। इसके बाद वह लगातार आठ बार छिंदवाडा से सांसद रहे। उन्होंने सीट छोड़ी तो उनके बेटे नकुलनाथ सांसद चुने गए हैं।
सियासी सफर
1991 में केंद्रीय पर्यावरण और वन राज्य मंत्री
1995-1996 तक केंद्रीय कपड़ा राज्य मंत्री
2001-2004 तक कांग्रेस के महासचिव रहे
2006 में रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर ने डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित ।
2004-2009 तक केंद्रीय उद्योग मंत्री रहे
2009 में केंद्रीय परिवहन मंत्रालय का प्रभार
2011 में केंद्रीय शहरी विकास मंत्री बने
2018 में मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बनाए गए
वर्तमान में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री हैं।