भोपाल। प्रदेश में 15 साल के वनवास को खत्म कर सरकार बनाने में सफल हुई कांग्रेस के लिए राह आसान नहीं है| गुटबाजी हर फैसले में आड़े आ रही है| चुनाव से पहले टिकट वितरण, इसके बाद मुख्यमंत्री का नाम का चयन, फिर मंत्रिमंडल तय करने में काफी माथापच्ची हुई| लेकिन अब मंत्रियों के विभाग बंटवारे में भी पेंच फंस गया है| दिग्गज नेताओं के बीच खींचतान के कारण शपथ ग्रहण के 72 घंटे बाद भी कांग्रेस सरकार मंत्रियों के विभाग फाइनल नहीं कर पाई है। स्थिति यह तक बन गई है कि नेता इसे दिल्ली लेकर पहुंच गए हैं और वहां से भी हस्तक्षेप करा रहे हैं। कमलनाथ ने रणनीति के तहत सूची दिल्ली भेजी है इस पर दिल्ली से फैसला होगा, जिससे कोई विरोध नहीं कर पायेगा| वहीं सपा बसपा और निर्दलीय विधायकों के भी विरोध के स्वरों ने पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दी है|
गृह, वित्त, स्वास्थ्य और नगरीय प्रशासन समेत कुछ बड़े विभागों पर पेंच फंसा हुआ है| पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया गुटीय संतुलन बनाने के लिए दो दिन से कवायद कर रहे हैं, लेकिन ये तीनों दिग्गज ही अपने-अपने समर्थकों को बड़े और भारी-भरकम विभाग दिलाने की कोशिश में जुटे रहे। कमलनाथ सरकार के मंत्रियों के विभाग बंटवारे में मुख्यमंत्री कमलनाथ, सिंधिया और दिग्विजय सिंह के बीच कई दौर की चर्चा हो चुकी हैं। सूत्रों के मुताबिक जिन विभागों को दिग्गज अपने समर्थक मंत्रियों को दिलाना चाह रहे हैं वे मुख्य रूप से वित्त, गृह, परिवहन, आबकारी, स्वास्थ्य, जनसंपर्क, सहकारिता, पीडब्ल्यूडी और महिला बाल विकास हैं। अगर स्तिथि नहीं सम्भली तो सीएम कमलनाथ वित्त या गृह विभाग अपने पास भी रख सकते हैं|
मंत्रियों को विभाग बंटवारे को लेकर चल रही खींचतान के बीच बड़े नेता दिल्ली में भी सक्रिय हो गए हैं और शुक्रवार को इस पर फैसला लिया जा सकता है| नाथ-दिग्विजय द्वारा स्वास्थ्य और नगरीय प्रशासन पर जिन मंत्रियों के नाम तय किए जा रहे हैं, उन पर सिंधिया ने असहमति जताई है। वे डॉ. प्रभुराम चौधरी के लिए स्वास्थ्य विभाग चाहते हैं, जबकि चौधरी को स्कूल शिक्षा दिया जाना प्रस्तावित है। सिंधिया तुलसी सिलावट को गृह या नगरीय प्रशासन विभाग जैसे प्रमुख जगह सेट करना चाहते हैं, वहीं सिलावट को स्वास्थ्य दिया जाना प्रस्तावित है। वहीं खबर है कि दिग्विजय अपने पुत्र जयवर्द्धन सिंह को स्थापित करने के लिए अच्छा विभाग दिलाने के प्रयास में हैं तो जीतू पटवारी जनसंपर्क मंत्री बनना चाहते हैं। सूत्रों ने बताया कि दिग्विजय सिंह के निवास पर मंत्रियों के शपथ ग्रहण के दूसरे दिन भी मंत्रियों की अलग-अलग बैठकें हुई है। उनके निवास पर वरिष्ठ मंत्री डॉ. गोविंद सिंह, हुकुमसिंह कराड़ा, जीतू पटवारी, हर्ष यादव, जयवर्द्धन सिंह, सचिन यादव पहुंचे थे। वहीं, सिंधिया अपने समर्थकों से लगातार मोबाइल पर संपर्क में रहे। कमलनाथ से भी कैबिनेट बैठक के बाद कई मंत्रियों ने अलग से मुलाकात की।
मामला दिल्ली पहुँच चुका है और हाईकमान के हस्तक्षेप के बाद स्तिथि सामान्य हो सकती है| वही विपक्ष ने इसे मुद्दा बनाते हुए कमलनाथ सरकार पर हमला बोलना शुरू कर दिया है| जिसके चलते सभी को साधते हुए विभागों का बंटवारा किया जाएगा| अनुभव और योग्यता के हिसाब से विभाग दिए जाएंगे| कमलनाथ मंत्रिमंडल में सिर्फ 6 मंत्री ऐसे है जो पहले भी मंत्री बन चुके हैं, बाकी पहली बार मंत्री बने हैं| ऐसे में अनुभव की कमी है, लेकिन कुछ मंत्री अपनी योग्यता के हिसाब से प्रमुख विभाग की मांग पर अड़े हैं| इस बीच निर्दलीय और मंत्रिमंडल में जगह नहीं बना पाए विधायकों ने भी विरोधी तेवर दिखाए हैं और इस्तीफे तक की चेतावनी दी है, जिससे कांग्रेस में हड़कंप है, क्यूंकि कांग्रेस के पास बहुमत नहीं है|