भोपाल। मुख्यमंत्री कमलनाथ के गृह नगर छिंदवाड़ा के पातालकोट की जमीन निजी कंपनी को देने के मामले में पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव हरिरंजन राव पर शिकंजा कसता जा रहा है| जल्द ही सरकारी जमीन को निजी कंपनियों को देने वाले अफसरों पर कार्रवाई की जा सकती है। बताया गया कि मुख्यमंत्री पर्यटन विभाग की इस करतूत से बेहद नाराज हैं। हालाँकि यह हैरत की बात है कि पर्यटन विभाग ने नियमों की धज्जियां उड़ा कर भ्रष्टाचार का जो खेल किया उस पर अब तक सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की है। वहीं नियमों को दरकिनार कर सरकारी जमीनों की बंदरबांट करने के आरोप में घिरे आईएएस के खिलाफ अब कांग्रेस विधायक ने मोर्चा खोल दिया है| कांग्रेस विधायक और जय आदिवासी युवा संगठन के संस्थापक डॉ हीरालाल अलावा ने सीएम को इस मामले में कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है|
छिंदवाड़ा के पातालकोट में पर्यटन विभाग ने नियमों की धज्जियां उड़ा कर भ्रष्टाचार कर पातालकोट के ऊपरी हिस्से बीजाढाना को दिल्ली की निजी कंपनी यूरेका कैंप आउटस प्राइवेट लिमिटेड को सौंप दिया| यह कारनामा पिछली सरकार में हुआ है, लेकिन मामला सामने आने के बाद नई सरकार अब तक खामोश है| सीएम को लिखे पत्र में कांग्रेस विधायक ने इसे पांचवी अनुसूची का खुला उल्लंघन बताया है| उन्होंने लिखा है पातालकोट के रातेड़-बीजाढाना ग्राम में चल रहे अवैधानिक कार्य जिसे ुरेका सतपुड़ा क्लीफ मैडास तामिया, जिला छिंदवाड़ा द्वारा विशिष्ट पिछड़ी जनजातियों की भूमि को अनाधिकृत रूप से अवैधानिक अधिग्रहण कर निर्माण कार्य किया जा रहा है, जो कि अनुछेद 244 (1) व पांचवी अनुसूची का खुला उल्लंघन है| उन्होंने इस निर्माण कार्य पर तत्काल रोक लगाने के साथ ही जिन लोगों के नाम सामने आ रहे हैं उन पर सख्त कार्रवाई की मांग की है| कांग्रेस विधायक अलावा से पहले पूर्व नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय सिंह ने भी सीएम से इस मामले में आईएएस हरिरंजन राव के खिलाफ कार्रवाई के लिए सीएम को पत्र लिखा था|
आदिवासियों की चिट्ठी- हमें उजाड़कर कौनसा विकास मॉडल बना रही सरकार
शिवराज सरकार में पातालकोट की जमीन निजी कंपनी को देने के मामले में क्षेत्र के आदिवासियों ने भी सीएम को चिट्ठी लिख अपनी व्यथा सुनाई है। उन्होंने लिखा है कि हमें उजाड़कर यूरेका को जमीन देकर सरकार कौनसा विकास मॉडल बनाना चाहती है।हमने पिछली सरकार पर भरोसा किया और उन्होंने हमारे साथ छल किया और जमीन बेच दी। इसलिए हमने आपको चुना ताकी हमें न्याय मिल सके। उन्होंने कहा है कि हमें उम्मीद है कि इस सौदे को आप निरस्त कर नया विकास मॉडल बनाकर हमारे बच्चों को रोजगार देकर देंगें। दरअसल, पातालकोट की सौदेबाजी का खुलासा होने के बाद आदिवासियों में रोष व्याप्त हो गया है। उन्होंने सोमवार को प्रदर्शन कर अपनी नाराजगी व्यक्त की । साथ ही मुख्यमंत्री कमलनाथ के नाम एक मार्मिक चिट्ठी लिख यूरिका से जमीन का सौदा निरस्त कर एक नया विकास मॉडल बनाने की मांग की।
गौरतलब है कि छिंदवाड़ा जिले के पातालकोट में पर्यटन विभाग ने नियमों की धज्जियां उड़ा कर भ्रष्टाचार कर पातालकोट के ऊपरी हिस्से बीजाढाना को दिल्ली की निजी कंपनी यूरेका कैंप आउटस प्राइवेट लिमिटेड को सौंप दिया गया| पिछले दिनों इस मामले के सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है| बताया जा रहा है कि दिल्ली की कंपनी से जो लीज का अनुबंध किया गया है वो भी नियम के विरुद्ध किया गया है। पर्यटन नीति 2016 के तहत साहसिक गतिविधियों के लिए अधिकतम 15 साल के लिए ही जमीन लाइसेंस पर दी जा सकती थी, लेकिन नियमों को ताक पर रख पर्यटन प्रमुख सचिव रहे हरिरंजन राव ने कंपनी को 20 साल के लिए लीज पर दे दिया। आदिवासी बहुल पातालकोट के ऊपरी हिस्से बीजाढाना को दिल्ली की निजी कंपनी यूरेका कैंप आउटस प्राइवेट लिमिटेड को जिस तरह सौंपा गया वह यह बताता है कि मध्य प्रदेश में नियम कायदे नाम की कोई चीज नहीं। पर्यटन विभाग की तत्कालीन एमडी छवि भारद्वाज के द्वारा दो बार टेंडर अयोग्य करने के बावजूद जैसे ही छवि का तबादला हुआ प्रमुख सचिव हरि रंजन राव ने तीसरे टेंडर में यूरेका कंपनी को योग्य मान लिया। इतना ही नहीं यूरेका कंपनी को जमीन का आधिपत्य दिलाने के लिए खुद हरि रंजन राव ने प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री की हैसियत से तत्कालीन कलेक्टर को निर्देशित किया कि वह कंपनी को कब्जा दिलाएं। हैरत की बात यह है कि सरकारी जमीन पर लीज या लाइसेंस देने के लिए कैबिनेट का अनुमोदन होना जरूरी है लेकिन प्रमुख सचिव हरि रंजन राव ने इन सारी चीजों को दरकिनार करते हुए यूरेका कंपनी के पक्ष में जमीन आवंटित कर दी। हैरत की बात यह है कि इस तरह की गड़बड़ झाले सामने आने के बावजूद मुख्यमंत्री कमलनाथ इन मामलों पर कोई गंभीर कार्यवाही नहीं कर रहे हैं जबकि कांग्रेस ने वचन पत्र में साफ कहा था कि भ्रष्टाचार के सारे मामलों की परत दर परत में पड़ताल करेगी और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करेगी।