इंदौर। कांग्रेस में मंत्रिमंडल विस्तार के बाद बगावती सुर तेजी से फूटने लगे है। मंत्री ना बनाए जाने से नाराज विधायक अब इस्तीफे की धमकी दे रहे है और पार्टी पर वंशवाद का आरोप लगा रहे है। ताजा मामला इंदौर के बदनावर से सामने आया है जहां कांग्रेस के एक विधायक ने अपनी ही पार्टी पर वंशवाद और जातिवाद का आरोप लगाया है। इसके साथ ही विधायक ने मंत्रिमंडल में शामिल ना किए जाने पर इस्तीफे की धमकी भी दी है।
दरअसल, मंत्री ना बनाए जाने पर बदनावर सीट से कांग्रेस विधायक राजवर्धनसिंह दत्तीगांव ने पार्टी पर वंशवाद और जातिवाद का आरोप लगाया है। सिंह का कहना है कि कांग्रेस में आज भी वंशवाद व गुटीय राजनीति हावी है। वंशवाद की राजनीति ने उनका हक छीन लिया है। मेरे साथ अन्याय हुआ और मैं इसका जवाब इस्तीफा देकर दूंगा। मैं भी अगर किसी पूर्व मुख्यमंत्री या बड़े नेता का बेटा या रिश्तेदार होता तो आज मैं भी मंत्री बन जाता।उन्होंने कहा कि ऐसे ही लोगों को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है, जिनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि सत्ता में रहने की रही है।क्या मेरा यह कसूर रहा कि मतगणना के बाद निर्वाचन का प्रमाण पत्र लेते ही में इस अल्पमत की सरकार के लिए दो निर्दलीय विधायकों को लेकर आया। ये बिंदू हो सकते हैं, जिनके कारण मुझे अयोग्य समझा गया।
बताते दे कि मंत्री पद ना मिलने से एक के बाद एक विधायकों की नाराजगी सामने आ रही है।केपी सिंह, ऐदल सिंह कंसाना, बिसाहूलाल सिंह, हीरालाल अलावा और अब राज्यवर्धन ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।खबर है कि नाराज 10 विधायक दिल्ली पहुंच गए हैं। वे राहुल गांधी से मुलाकात कर अपनी बात रखेंगे।गुरुवार को मुरैना जिले की सुमावली विधानसभा से विधायक ऐदल सिंह कंसाना को मंत्री न बनाए जाने से नाराज ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मदन शर्मा ने अपना इस्तीफा दिया था, जिसको लेकर भी पार्टी में बवाल मचा हुआ है।ऐसे में कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ सकती है, अगर विधायक अपना हाथ खींचते है तो सरकार गिरने के भी आसार बनते हुए दिखाई दे रहे है। इससे कार्यकर्ताओं में भी भारी रोष है जिसका खामियाजा लोकसभा चुनाव में उठाना पड़ सकता है।