MP Assembly No-Confidence Motion : मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार के खिलाफ विधानसभा में लाया गया कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव गिर गया है। आज दोपहर करीब 1 बजकर 20 मिनिट पर सदन में तीखी बहस के बीच अविश्वास प्रस्ताव ध्वनिमत से नामंजूर हो गया। इसी के साथ सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गई है।
शिवराज सरकार के खिलाफ पहला अविश्वास प्रस्ताव
मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र में सीएम शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ पहला अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। स्पीकर गिरीश गौतम ने इसे मंजूरी दी। वर्ष 2011 के बाद शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ ये पहला अविश्वास प्रस्ताव था। कांग्रेस द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर बुधवार को चर्चा हुई। नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने कहा कि उन्होंने 300 पॉइंट्स जुटाए हैं और चर्चा के लिए 51 बिंदुओं का चयन किया गया है। आज गुरूवार को विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने जवाब दिया।
मुख्यमंत्री ने दिया जवाब
आज सदन में चर्चा की शुरू से लेकर अंत तक सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर नोंक-झोंक हुई। करीब ढाई घंटे चली बहस में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश में नई शराब नीति, पेसा एक्ट, किसानों के लिए लागू योजनाएं, शिक्षा नीति, सीएम राइज स्कूल, मेडिकल कॉलेज में हिंदी भाषा में पढ़ाई, मुख्मयंत्री स्वरोजगार योजना, आगामा प्रवासी भारतीय सम्मेलन, औद्योगिक निवेश, रोजगार, नक्सल विरोध अभियान, बच्चियों के लिए सुरक्षा कानून, धर्मांतरण, भूमाफिया के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान सहित कई मुद्दों पर जवाब दिया। उन्होने कहा कि स्वस्थ लोकतंत्र में स्वस्थ बहस होनी चाहिए।
इस दौरान कांग्रेस को घेरते हुए सीएम ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में एक दूसरे पर ही अविश्वास है। वे हमपर सरकार तोड़ने का आरोप लगाते हैं, लेकिन सरकार हमने नहीं तोड़ी। सरकार हमने नहीं गिराई सरकार आपके अहंकार ने गिराई। हमें तोड़नी होती तो हम बनने ही नहीं देते। मैंने इंतजार नहीं किया सीधे अपना इस्तीफा दे दिया। अगर हमारी नीयत सत्ता में बने रहने की होती तो हम सत्ता में ही बने रहते। उन्होने कहा कि 15 साल बाद आई कांग्रेस सरकार से मुझे उम्मीद थी, लेकिन वो खरी नहीं उतरी।
कांग्रेस पर आरोप
सीएम शिवराज ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने भ्रष्टाचार का लोकव्यापीकरण किया। इतिहास में पहली कलेक्टर एसपी की पोस्टिंग के लिए पैसे लिए गए और इसकी जांच भी लोकायुक्त में चल रही है। 165 दिन में 450 से अधिक आईएएस आईपीएस के ट्रांसफर किए गए। वल्लभ भवन दलालों का अड्डा बन गया था। सिंचाई परियोजना में 2000 करोड़ का भ्रष्टाचार हुआ। 63 करोड़ मोबाइल घोटाला हुआ। ऐसे कई घोटालों का अंबार है।
उन्होने कहा कि कांग्रेस सरकार में बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं पर झूठे केस बनाए गए। बीजेपी कार्यकर्ताओं की संपत्ति नष्ट की गई। मेरे इलाके के शिक्षक को सिर्फ इसलिए संस्पेंड किया गया क्योंकि वो मुझसे मिलने आते थे। इसी के साथ जनकल्याणकारी योजनाओं को बंद कर दिया गया। जनजातियों के लिए जारी पोषण भत्ता बंद किया गया। संबल योजना बंद की। मेरिट में आने वाले बच्चों को दिए जाने वाले लैपटॉप देने बंद किए। पंच परमेश्वर योजना बंद की, गरीबों और किसानों की योजनाएं बंद की। इसी के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जल जीवन मिशन शुरू किया था, ये योजना नहीं चलने दी। पीएम आवास योजना में कटौती की। किसान सम्मान निधि की पूरी सूची नहीं दी।
सीएम ने अविश्वास प्रस्ताव को बताया झूठ का पुलिंदा
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अपने जवाब के अंत में कांग्रेस द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को झूठ का पुलिंदा बताया। उन्होने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार पूरी शिद्दत और गंभीरता के साथ मध्यप्रदेश को आगे बढ़ाने के काम में लगी है। उन्होने कहा कि हम इसमें कोई कसर नहीं छोड़ने वाले। मध्यप्रदेश का रोडमैप बनाया है उसमें हमने ‘आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश’ थीम रखी है। प्रदेश को विकास की राह पर ले जाने के लिए निरंतर कार्य किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने आह्वान किया कि विपक्ष केवल आरोप लगाने का काम न करे..मध्यप्रदेश हम सबका है हम मिलकर बेहतर और समृद्ध प्रदेश बनाएं। इसी के साथ उन्होने कांग्रेस से कहा कि आपका आरोप पत्र पूरी तरह झूठ का पुलिंदा है, उसमें कोई दम नहीं है, वो एकदम लचर और बेकार है।