भोपाल।
भारत में देशव्यापी लॉकडाउन(lockdown) के बीच मजदुर दिवस के मौके पर बीजेपी कांग्रेस आमने सामने आ गई है। दोनों के जुबानी हमले लगातार तेज़ हो गए हैं। इसी बीच मध्य प्रदेश कांग्रेस ने भी शिवराज सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा है कि सरकार के पास जयचंदों के लिए चार्टर्ड प्लेन एवं रिसॉर्ट के लिए पैसे हैं लेकिन मजदूरों के लिए नहीं। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह(digvijay singh) ने मोदी सरकार(modi government) पर तंज कसते हुए श्रमिकों(labours) को श्रमिक दिवस की बधाई दी है।
मध्य प्रदेश कांग्रेस(MP Congress) ने भी ट्वीट कर कहा है कि बीजेपी के पास जयचंद के लिए चार्टर्ड प्लेन व रिसॉर्ट है लेकिन गरीब के लिए रोटी नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मजदूर दिवस की बधाई देते हुए मोदी(MODI) सरकार पर तंज कसा है। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आज मजदूर दिवस पर हमने कैसे श्रमिकों को उपेक्षित छोड़ दिया है। सिंह ने कहा कि भारत में करोड़ों मजदूर सड़कों पर है। वहीं उन्होंने मोदी सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा है कि यदि मोदी सरकार कांग्रेस के प्रस्तावित “न्याय” योजना लागू कर हर गरीब के खाते में 6000 रुपए प्रति माह जमा करते तो मजदूर दिवस की सार्थकता सिद्ध होती।
दूसरी तरफ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा ने ट्वीट करते हुए बताया कि मोदी सरकार द्वारा असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए प्रधानमंत्री श्रम योगी मानदेय योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना में 60 वर्ष की उम्र पूरी कर लेने वाले श्रमिक को न्यूनतम 3000 पेंशन के तौर पर देना सुनिश्चित किया गया है। मजदूर दिवस के मौके पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने ट्वीट के जरिए लोगों के साथ ही जानकारी साझा की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना से असंगठित क्षेत्र के कामगारों का भविष्य सुरक्षित हो रहा है। जहां अब तक इस योजना से असंगठित क्षेत्र के कुल 43,77,844 मजदूर लाभ ले रहे हैं। इसके साथ ही प्रदेश अध्यक्ष शर्मा ने कहा कि श्रम से जुड़े कानूनों को पारदर्शी एवं जवाबदेह बनाने के लिए श्रम सुविधा पोर्टल भी तैयार किया गया है। शर्मा ने कहा कि प्रगति के आधार मजदूरों के लिए ही मोदी सरकार काम कर रही है।
बता दे कि मोदी सरकार द्वारा असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए इस योजना की शुरुआत की गई थी। इस योजना में प्रत्येक श्रमिकों को 60 वर्ष की आयु पूर्ण कर लेने के बाद न्यूनतम 3000 मासिक पेंशन सुनिश्चित किया गया है। इस योजना के लाभार्थी की श्रेणी में कचरा उठाने वाले, घरेलू कामगार, रिक्शा चालक, धोबी खेतिहर मजदूर और निर्माण मजदूर जैसे छोटे मजदूरों को शामिल किया गया है। वहीं मजदूरों की मौत के बाद पेंशन राशि का 50% हिस्सा मजदूर के जीवनसाथी को पेंशन के रूप में दी जाएगी।
मध्यप्रदेश में भूख से मौत-
बीजेपी के पास-
जयचंदों के लिये चार्टर प्लेन व रिसॉर्ट हैं,
—लेकिन गरीब के लिये रोटी नहीं है। pic.twitter.com/bDHclIcS57— MP Congress (@INCMP) May 1, 2020
आज मज़दूर दिवस पर यह याद करने का दिन है, हमने श्रमिकों को कैसे उपेक्षित छोड़ दिया है। भारत के करोड़ों मज़दूर सड़कों पर हैं। कॉंग्रेस की प्रस्तावित “न्याय” योजना यदि मोदी जी लागू कर, हर ग़रीब के खाते में ₹६०००/ प्रति माह जमा करते हैं तो ही मज़दूर दिवस की सार्थकता सिद्ध होगी।
— Digvijaya Singh (@digvijaya_28) May 1, 2020
मोदी सरकार द्वारा श्रमिकों की आमदनी में बढ़ोतरी के लिए संसद में वेतन संहिता विधेयक पारित कराकर असंगठित क्षेत्र के 50 करोड़ कामगारों को समय पर निश्चित न्यूनतम मजदूरी का अधिकार दिया गया और श्रमिकों की बोनस सीमा को 3,500 रुपये से बढ़ाकर 7,000 रुपये किया गया। pic.twitter.com/6L7f84BnFC
— VD Sharma (Modi Ka Parivar) (@vdsharmabjp) May 1, 2020
मोदी सरकार ने असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना की शुरुआत की
योजना में प्रत्येक श्रमिक को 60 वर्ष की उम्र पूरी होने के बाद न्यूनतम 3,000 रुपये प्रतिमाह पेंशन मिलना सुनिश्चित किया गया है। pic.twitter.com/fFCdr3VWJC
— VD Sharma (Modi Ka Parivar) (@vdsharmabjp) May 1, 2020