भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। देश में चल रही कोरोना (corona) की दूसरी लहर (second wave) से सबके हाल बेहाल है। रिकॉर्ड मामलों के साथ रिकॉर्ड मौतों से मनोबल भी कमजोर पड़ने लगा है। ऐसे में आईआईटी के वैज्ञानिकों (scientists) के शोध के अनुसार मई के मध्य (mid-may) में कोरोना अपने पीक (peak) पर होगा और इसके बाद तीव्रता (steep) से कोरोना मामलों में गिरावट (fall) देखने को मिलेगी। इस बात का दावा तो नहीं किया गया है लेकिन वैज्ञानिकों के अनुसार उनके मैथेमेटिकल मॉड्यूल के हिसाब से ऐसा ही होना चाहिए। मध्य मई में कोरोना की पीक के समय लगभग 33 से 35 लाख कुल कोरोना मामले होंगे।
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आईआईटी कानपुर के कम्प्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग के प्रॉफेसर , मनिंद्र अग्रवाल ने प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया न्यूज एजंसी से बात करते हुए बताया कि कोरोना के केस मई के मध्य में अपने पीक पर हो सकते हैं। हालांकि इसी पीक के बाद कोरोना मामलों में बहुत तेजी से गिरावट देखने को मिलेगी। आईआईटी कानपुर और हैदराबाद के वैज्ञानिकों ने बताया कि सूत्र मॉडल ( SUTRA- susceptible, undetected, tested(positive) and removed approach) के अनुसार कोरोना मामलों में गिरावट से पहले मध्य मई में कोरोना मामले 10 लाख तक पहुचेंगे।
बताया जा रहा है कि इस माह के शुरुआत में मैथमेटिकल मॉडल के अनुसार ये अनुमान लगाया जा रहा था कि भारत में अप्रैल के मध्य में कोरोना मामलों का पीक समय होगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इस पर ध्यान केंद्रित करते हुए मनिंद्र अग्रवाल ने बताया कि इस मॉडल के जो पैरामीटर हैं वो लगातार ढहते जा रहे हैं इसलिए इसपे पूर्णतः विश्वास नहीं किया जा सकता। क्योंकि स्थिति में एक भी दिन किसी भी तरह का बदलाव हजारों की तादाद में कोरोना मामलों की वृद्धि कर रहा है।
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वहीं सूत्र मॉडल हर दिन कोरोना के मामलों में हो रहे बदलाव पर पैनी नजर बनाए रखे है। प्रॉफेसर अग्रवाल ने बताया कि सूत्र मॉडल तीन पैरामीटर पर काम करता है। पहला पैरामीटर है बीटा या फिर contact rate अर्थात एक दिन में एक कोरोना संक्रमित व्यक्ति कितने लोगों को संक्रमित करता है। अन्य दो पैरामीटर हैं ‘रीच’ जिसका अर्थ है जनसंख्या किस हद तक संक्रमण के लिए एक्सपोज़ हो चुकी है। अतः सूत्र मॉडल के अनुसार कोरोना मध्य मई में बेतहाशा बढ़ जाने के बाद तेजी से घटने लगेगा।