भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh Weather) में लगातार हो रही बारिश और ओलो (rain hail) ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। ओलावृष्टि से कई जिलों में किसानों की फसलें बर्बाद हो गई है, इसमें उज्जैन, सागर, शिवपुरी, मंदसौर, छतरपुर, रतलाम, धार और निवाड़ी समेत कई जिले शामिल है, हालांकि शिवराज सरकार (MP Shivraj Government) ने जल्द से जल्द सर्वे करवाकर भरपाई करने के निर्देश दिए है।इसी के चलते अधिकारियों ने कहीं सुबह तो कहीं शाम को जाकर सर्वे किया और रिपोर्ट तैयार की, जो शासन को जल्द भेजे जाएगी, ताकी किसानों को जल्द से जल्द इसकी भरपाई हो सकते।
जानें जिलों का हाल
मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले में ओलो ने जमकर तबाही मचाई। यहां खेतों में बर्फ सी चादर बिछ गई और फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। यहां पृथ्वीपुर के मडिया,दुमदुमा, पारा खेरा समेत कई इलाकों में ओले गिरे और बर्फ की चादर की तरह दिखने लगे। खेत किसानों की 100 फ़ीसदी फसल का नुकसान पहुंचने की बात कही जा रही है। फसल बर्बाद होने के बाद किसानों में चिंता बढ़ गई है।
रतलाम जिले में शुक्रवार-शनिवार को हुई तेज बारिश और नीबू के आकार के ओले गिरने से फसलें प्रभावित हुई हैं। ओले गिरने से कई वाहनों के कांच फूट गए। जिले के नामली, ताल, आलोट सहित अन्य क्षेत्रों में भी ओलावृष्टि हुई है। शहर के समीपस्थ ग्राम तितरी में ओलों के कारण अंगूर की फसल को खासा नुकसान पहुंचा है और जड़वासाकलां में तो खेतों में सफेद चादर सी बिछ गई।
उज्जैन जिले में भी रबी की फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है।शुक्रवार को हुई तेज बारिश और बड़े-बड़े ओलों ने खेतों में चार-चार इंच की बर्फ की परत जमा दी, जिसके चलते गेहूं, लहसुन, चने के पौधे आड़े हो गए। जिले के उन्हेल, करछा, नवेली, चिंतामण, हमीरखेड़ी, लेकोड़ा, टंकारिया, ब्रजराजखेड़ी, गंगेड़ी, मालीखेड़ी, जगोटी, टकवासा, गोंदिया सहित अनेक गांवों में ओलावृष्टि से काफी नुकसान बताया जा रहा है। वही ओलावृष्टि ने अन्य फसलें भी नष्ट कर दी। जिन क्षेत्रों में ओले नहीं गिरे वहां रबी की फसल को काफी फायदा भी है।
छतरपुर जिले में भी ओलावृष्टि ने तबाही मचाई है। जिले में हजारों हैक्टेयर की फसल बर्बाद होने की आशंका है।ओला बृष्टि से हजारों किसान प्रभावित हुई है। इस आसमानी आफ़त का किसानों पर कहर टूटा है। जिले की छतरपुर नौगांव बिजावर बड़ामलहरा घुवारा राजनगर और महाराजपुर सहित लवकुशनगर तहसील इलाके में गिरे ओले। गेँहू, चना, सरसो और मटर की फसल ओलावृष्टि से हुई आंशिक बर्बाद। फसल बर्बाद होने से किसान परेशान।।
सागर जिले में शुक्रवार- शनिवार को जिले में कई जगह ओलावृष्टि हुई।इससे ना सिर्फ फसलें बर्बाद हुई बल्कि कई जगह पेड गिरे और कई घंटों तक शहर की बत्ती भी गुल रही।देर शाम शहर के कई इलाकों में चने की साइज से लेकर आंवले बराबर ओले गिरे। शाम को सुरखी, मकरोनिया सहित जिले के कई स्थानों पर ओले गिरे और लोग यहां-वहां छिपते हुए नजर आए।
शिवपुरी जिले के कोलारस क्षेत्र के ग्राम सजाई, देहरदा, अटरूनी, पचावली, रन्नाौद, आनंदपुर, रांची, लुकवासा, लालपुर, बदरवास क्षेत्र के टुडियावद, दामनटूक, बुढ़ाडोंगर, चितारा, कुल्हाड़ी, सेसई, दीघोद, रेंजा रन्नाौद, खतौरा और रन्नाौद क्षेत्र के आकाझिरी, बिलारी, धंदेरा, मोहम्मदपुर, जरिया, इछौनिया, नेगमा, गिलटोरा, डगपिपरी, डेगुआ, मसूरी, रन्नाौद, गणेशखेडा, तिजारपुर, छुरी और पहाड़ा में शुक्रवार देर रात जमकर ओलावृष्टि हुई। इससे फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है।यहां रिजौदा, देहरदा, बसंतपुरा, भाटी, आनंदपुर, पचावली, कुल्हाड़ी, बूढाडोर, लिलवारा, ढोडयाई, टोरिया, अटरूनी, कनाबदा में सरसों, मसरा, धनिया, मसूर, चना व गेहूं में भारी नुकसान हुआ है। अन्य जगहों जगहों पर भी 50 से 70 प्रतिशत तक फसलों को नुकसान पहुंचा है।
मंदसौर जिले में भी इसका असर देखने को मिला। शुक्रवार रात ओले गिरने से मंदसौर, रतलाम, उज्जैन, धार जिले में कई स्थानों पर फसलें आड़ी हो गई हैं। मंदसौर जिले में सीतामऊ, शामगढ़ व मल्हारगढ़ तहसील के 15 से अधिक गांवों में बारिश के साथ ओले भी गिरे हैं। सीतामऊ, खेड़ा, लदूना, माऊखेड़ा, डाबड़ी, सेमलखेड़ा, राजनगर, ढंडेड़ा, दलावदा, गलियारा, चिकला, रामाखेड़ी, तंबोलिया, लावरी, सेमलिया रानी, हल्दुनी सहित कई गांवों में ओलावृष्टि ने क्षति पहुंचाई है। इससे अफीम, गेहूं, चना, मैथी सहित रबी की फसलों में नुकसान हुआ है। इस नुकसान ने किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है, हालांकि अधिकारियों ने खेतो में पहुंचकर सर्वे करना शुरु कर दिया है।
इन जिलों में भी फसलें बर्बाद
ग्वालियर जिले में भी ओलावृष्टि का असर देखने को मिला। शनिवार को जिले के चीनौर व मुरैना से लगे हिस्सों में ओलावृष्टि हुई।झाबुआ जिले में तेज हवा, ओले, बारिश ने खेतों में गेहूं खड़ी फसलों को गहरा नुकसान पहुंचाया है। बरवेट क्षेत्र के में शनिवार रात बैर के आकार के ओले गिरे और गेहूं की फसल बर्बाद हो गई, हालांकि पटवारियों द्वारा सर्वे किया गया है।
नुकसान की भरपाई करेगी सरकार
मध्य प्रदेश में नए साल 2022 में शुरु हुए बारिश और ओलावृष्टि (rain and hail) के दौर से फसलों के नुकसान की प्रदेश की शिवराज सरकार भरपाई करेगी। इसके लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने कलेक्टरों को राजस्व, कृषि और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के कर्मचारियों का संयुक्त दल बनाकर सर्वे कराने के निर्देश दिए हैं।वही मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल (MP Agriculture Minister Kamal Patel) ने भी राजगढ़ और गुना जिलों के कलेक्टर्स से चर्चा कर निर्देशित किया कि किसानों की शिकायत से पहले उनके खेतों में जाकर सर्वेक्षण दल द्वारा सर्वे कराया जाना सुनिश्चित किया जाये।