दरअसल, वर्तमान में पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ (Former Chief Minister Kamal Nath) पीसीसी चीफ और नेता प्रतिपक्ष (PCC Chief And Leader Opposition) दोनों की जिम्मेदारी संभाल रहें है, लेकिन अब वे दोनों में से एक पद छोड़ने के मूड में है, इसको लेकर वे कई बार बयान भी दे चुके है, ऐसे में दावेदारों की लाइन लग गई है। वही सत्र से पहले 27 दिसंबर (December) को नेता प्रतिपक्ष और पार्टी अध्यक्ष कमलनाथ ने विधायक दल की बैठक बुलाई है, इसके पहले इस मांग ने कांग्रेस में हलचल पैदा कर दी है।वही आने वाले दिनों में घमासान भी देखने को मिल सकता है।
मध्यप्रदेश के छतरपुर (Chhatarpur), सागर (Sagar), टीकमगढ़(Tikamgarh), दमोह (Damoh) और निवाड़ी से यह मांग उठी है।इसके लिए महाराजपुर से विधायक नीरज दीक्षित (MLA Neeraj Dixit), बंडा से विधायक तरवर सिंह लोधी (MLA Tarawar Singh Lodhi), निवाड़ी जिला कांग्रेस अध्यक्ष प्रकाश सिंह दांगी, शहर कांग्रेस कमेटी दमोह अध्यक्ष यशपाल सिंह ठाकुर, टीकमगढ़ जिला कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष संजय कासगर, बंडा जनपद पंचायत अध्यक्ष देव प्रशांत सिंह सहित कई नेताओं ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखा है।हालांकि अंतिम फैसला कमलनाथ से चर्चा के बाद हाईकमान द्वारा ही किया जाएगा।
पत्र में लिखा गया है नेता प्रतिपक्ष का पद विंध्य और ग्वालियर क्षेत्र के पास रहा है, अब बुंदेलखंड के चेहरे को नेता प्रतिपक्ष बनाया जाना चाहिए, ताकि बुंदेलखंड में कांग्रेस मजबूत हो सके। नेताओं ने बुंदेलखंड से पूर्व मंत्री बृजेंद्र सिंह राठौर को नेता प्रतिपक्ष बनाने की मांग उठाई है। इसके अलावा नेताओं ने हाल ही में मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के तीन दिवसीय दौरे से वापस दिल्ली लौटे प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक (Mukul Wasnik) को भी इस संबंध में पत्र लिखा है।अगर ऐसा होता है तो आने वाले दिनों में बुंदेलखंड के दमोह विधानसभा सीट (Damoh Assembly Seat) पर होने वाले उपचुनाव (By-election) में कांग्रेस को फायदा मिलने की उम्मीद है।यह सीट राहुल सिंह लोधी (Rahul Singh Lodhi) के इस्तीफा देने से खाली हुई है।
आदिवासी कार्ड भी खेल सकती है कांग्रेस
2018 में विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) में कांग्रेस की सरकार बनाने में आदिवासी वर्ग का काफी अहम योगदान रहा था और हाल ही में हुए मप्र युवा कांग्रेस चुनाव में भी इसका खासा असर देखने को मिला। कांग्रेस विधायक कांतिलाल भूरिया (MLA Kantilal Bhuria) के बेटे विक्रांत भूरिया (Vikrant Bhuria) को नया अध्यक्ष बनाया गया, ऐसे में कयास लगाए जा रहे है कि नेता प्रतिपक्ष के चयन में कमल नाथ आदिवासी कार्ड खेल सकते है। अगर ऐसा होता है तो पूर्व मंत्री बाल बच्चन इस रेस में बाकियों से काफी आगे निकल सकते है। बाला बच्चन कमल नाथ के सबसे करीबी और विश्वास पत्रों में से एक है। वही 2013 से 2018 तक बाला बच्चन कांग्रेस विधायक दल के उप नेता की भूमिका भी निभा चुके हैं।
रेस में शामिल यह नेता
इस रेस में करीब एक दर्जन नेताओं के नाम शामिल है। डॉक्टर गोविंद सिंह (Govind Singh), उमर सिंगार (Umar Singar) और जीतू पटवारी (Jeetu Patwari) , बाल बच्चन (Bala Bachchan), सज्जन सिंह वर्मा, विजयलक्ष्मी साधौ और बृजेन्द्र सिंह इस रेस में शामिल है।