भोपाल। कहावत है कि एक फोटो एक हजार शब्दों के सामान होता है। राजनीति में तस्वीरों की बहुत बड़ी भूमिका होती है। तस्वीरें वह सच सामने लाती हैं जो लाख बार लिखे गए शब्दों से भी उजागर नहीं होता। सोशल मीडिया पर एक ऐसी ही तस्वरी वायरल हो रही है। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह नव गठित कैबिनेट मंत्रियों को ‘ज्ञान’ देते नजर आ रहे हैं। जबकि उनके साथ में ही वर्तमान मुख्यमंत्री कमलनाथ भी बैठे हैं। चुनाव से पहले दिग्विजय सिंह ने खुद को कांग्रेस में साइडलाइन होने जैसा संदेश देकर लंबी छलांग लगाई। असल में वह कांग्रेस के उन योद्धाओं में शुमार हैं जो कभी सियासी रण नहीं छोड़ते न ही उनकी ‘चाल’ कभी कमजोर होती है। वह पर्दे के पीछे भी ‘चाणक्य’ की भूमिका अदा कर रहे थे।
दरअसल, मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शपथ समारोह के बाद मंत्री मंडल की अनौपचारिक बैठक कांग्रेस कार्यालय में बुलाई थी। इस बैठक में पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह भी शामिल हुए। बैठक की एक तस्वीर सामने आई। इसमें दिग्विजय सिंह मंत्रियों को कामकाज की टिप्स देते दिखाई दे रहे हैं। लेकिन उनकी मुद्रा से साफ झलक रहा है कि प्रदेश की भले कमलनाथ के हाथ में हों लेकिन उनका दबदबा आज भी कायम है। सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट चयन में भी उनका बड़ा किरदार रहा है। बताया जा रहा है कि प्रमुख सचिव एसआर मोहंती और डीजीपी के लिए वीके सिंह का नाम भी उन्होंने ही आगे किया है।
सूत्रों का कहना है कि दिग्विजय सिंह मंत्रियों के कामकाज पर पूरी निगाहें बनाए रखेंगे। उन्होंने बैठक में भी मंत्रियों को कहा है कि कांग्रेस के वचन पत्र को पूरा करने के लिए जुट जाएं। पहली प्रथमिकता में कांग्रेस के वचन को शामिल रखें। सीएम नाथ के बाद अगर किसी के सबसे अधिक समर्थक हैं तो वह हैं दिग्विजय सिंह। कैबिनट में भी उनके विधायकों की संख्या काफी है। अब वह प्रशासनिक और आईपीएस अफसरोंं की पोस्टिंग का नया तानाबान बुन रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि सिंह प्रमुख सचिव और सचिव स्तर के तबादलों में अहम भूमिका निभाएंगे।
दरअसल, नाथ को केंद्र सरकार के कामकाज का बेहतर अनुभव है। लेकिन प्रदेश की हर नब्ज से सिंह वाकिफ हैं। वह प्रशासनिक अधिकारियों में भी जबरदस्त पकड़ रखते हैं। वह दस साल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं। उन्हें प्रदेश को चलाने और हर अधिकारी के लूपहोल का ज्ञान है। सूत्रों के मुताबिक सिंह अब प्रदेश में रहकर सरकार में अहम दखल रखेंगे। वह सरकार चलाने में अहम भूमिका निभाएंगे। लोकसभा चुनाव के लिए भी वह बड़ी भूमिका अदा करेंगे। इसलिए उन्होंने अरूण यादव और जयवर्धन सिंह को डाटा जमा करने के लिए कहा है। इस तरह पूरी सरकार का रिमोट कंट्रोल सिंह के ही हाथों में रहेगा।