भोपाल।
तीन दिन से भूख हड़ताल पर बैठे प्रदेशभर के 7 हजार फिजियोथेरेपिस्ट्स ने पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के आश्वासन के बाद हड़ताल खत्म कर दी है।इस दौरान कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने प्रदर्शन कर रहे लोगों को पीने के लिए पानी दिया और उनके मांगों पर चर्चा की। दिग्विजय सिंह ने लिखित आश्वासन दिया 1 अगस्त तक मांगे पूरी नहीं हुई तो मैं भी शाहजानी पार्क में धरने पर बैठूंगा।वही दिग्विजय ने सीएम कमलनाथ को इस संबंध मे पत्र लिखा है और मांग की है कि अन्य राज्यों की तरह एमपी में भी फिजियोथेरेपी कॉउंसिल बनाया जाए।
दरअसल, पिछले दो दिन से शाहजहानी पार्क में फिजियोथेरेपिस्ट्स अलग काउंसिल बनाने की मांग को लेकर हड़ताल कर रहे थे।साथ ही उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर तीन दिनों में उनकी मांगों पर कोई विचार नहीं किया गया तो वे विधानसभा का घेराव करेंगे। इस दौरान बीती रात शनिवार को कुछ प्रदर्शनकारियों की तबीयत बिगड़ने पर प्रशासन ने देर रात उन्हें धरनास्थल से हटाने का प्रयास किया था। लेकिन वह नही माने । इसके बाद आज हड़ताल के तीसरे दिन दिग्विजय उनसे मिलने पहुंचे और उनसे चर्चा की। साथ ही आश्वसन दिया कि एक अगस्त तक उनकी मांगे पूरी हो जाएगी। अगर ऐसा नही होता है तो वे खुद उनके साथ हड़ताल पर बैठेंगें।दिग्वजय के आश्वासन के बाद उन्होंने अपनी हड़ताल खत्म कर दी।
इस दौर���न कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने प्रदर्शन कर रहे लोगों को पीने के लिए पानी दिया और उनके मांगों पर चर्चा की। दिग्विजय सिंह ने लिखित आश्वासन दिया 1 अगस्त तक मांगे पूरी नहीं हुई तो मैं भी शाहजानी पार्क में धरने पर बैठूंगा।उसके बाद फिजियोथैरेपिस्ट अपने अपने स्थान को लौटे।
इधर सीएम कमलनाथ को लिखा पत्र
वही इस मामले में दिग्विजय ने सीएम कमलनाथ को पत्र भी लिखा है। उन्होंने पत्र के माध्यम से फिजियोथेरेपिस्ट्स की मांगों को पूरा करने की बात कही है। उन्होंने लिखा है कि छग, महाराष्ट राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और गुजरात में फिजियोथेरेपिस्ट्स के लिए पंजीयन के लिए अलग से फिजियोथैरेपी के लिए काउंसिल का गठन किया जा चुका है।साथ ही इन राज्यों में फिजियोथैरेपिस्ट को डॉक्टर मानते हुए उनके नाम के आगे डॉक्टर की लगाने और स्वतंत्र प्रैक्टिस करने की भी अनुमति दी गई है।लेकिन एमपी में अलग काउंसिल ना होने के कारण इन्हें पैरामेडिकल काउंसिल मे ही पंजीयन कराना पड़ता है।दिग्विजय ने कमलनाथ से मांग की है कि मध्यप्रदेश में पृथक से फिजियोथेरेपी कॉउंसिल बनाया जाए। फिजियोथेरेपिस्ट को डॉ लिखने व उन्हें स्वतंत्र प्रैक्टिस करने की अनुमति दी जाए।