रीवा। चुरहट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ एक डॉक्टर ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उनके आत्महात्या करने के पीछा का कारण अभी सामने नहीं आया है। बताया जा रहा है कि डॉ शिवम मिश्रा के खिलाफ उनकी स्टॉफ नर्स ने एट्रोसिटी एक्ट के तहत 15 दिन पहले मामला दर्ज करवाया था। डॉ के जानने वालों का आरोप है कि नर्स ने झूठा केस दर्ज करवाया था और बदनामी के डर से मानसिक प्रताड़ना से तंग आकर उन्होंने ये कदम उठाया।
दरअसल, रीवा जिले के रहने वाले डॉ शिवम मिश्रा ने कुछ दिन पहले स्टॉफ नर्स को काम में लपरवाही बरतने पर नोटिस थमाया था। इस नोटिस मिलने का बाद नर्स काफी नाराज थी। उसने 15 दिन पहले चुरहट थाना में डॉ शिवम के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज करवाया था। शहर के नामी डॉ. होने के कारण उनकी समाज में काफी प्रतिष्ठा थी। वह मामला दर्ज होने के बाद से ही काफी मानसिक तनाव से गुजर रहे थे। उनके करीबियों ने बताया कि नोटिस देने के कारण नर्स ने उनपर झूठा मामला दर्ज कराया है। इस मामले की जांच टीआई रामबाबू चौधरी कर रहे हैं।
सपाक्स ने की सीबीआई जांच की मांग
इस मामले को लेकर सपाक्स ने नर्स पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सपाक्स का कहना है कि डा. शिवम मिश्रा ने आत्महत्या नहीं की बल्कि एट्रोसिटी एक्ट काला कानून ने उनकी हत्या की है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चुरहट में पदस्थ स्टाफ नर्स द्वारा उनके खिलाफ ए्ट्रोसिटी एक्ट का झूठा मुकदमा दर्ज कराया गया था। सपाक्स अधिकारी कर्मचारी संगठन, सपाक्स समाज, युवा इकाई, सपाक्स पार्टी रीवा द्वारा इसकी सीबीआई से जांच कराने की मांग को लेकर 29 जनवरी मंगलवार को कमिश्नर रीवा संभाग को 3:00 बजे ज्ञापन सौंपेगा।