भोपाल।
सत्ता में आते ही प्रदेश की कमलनाथ सरकार सुर्खियों में बनी हुई है। कभी तबादलों को लेकर तो कभी नए नए फरमानों को लेकर ।अब सरकार ने नया आदेश जारी किया है, जिसकी चर्चा सुर्खियों में बनी हुई है। दरअसल, सरकार की ओर से एक आदेश जारी हुआ है, जिसमें सरकारी स्कूलों में निःशुल्क वितरित की जाने वाली पाठ्यपुस्तकों में छपे पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के संदेश वाले पेज को हटाने को कहा गया है। सुत्रों की माने तो सरकार को डर है कि अगर किताबों में शिवराज के संदेश गए तो उससे लोगों के बीच गलत मैसेज जाएगा कि प्रदेश में अब भी बीजेपी की सरकार है और शिवराज सीएम।
24 जून से नया सत्र शुरु हो चुका है और सरकारी स्कूलाें में विद्यार्थियाें काे नई व पुरानी पुस्तकाें के वितरण की प्रक्रिया भी शुरु हो चुकी है, ऐसे में वितरण से पहले राज्य शिक्षा केन्द्र की संचालक आईरीन सिंथिया जेपी ने प्रदेश के समस्त कलेक्टरों को आदेश जारी कर किताबों को पुस्तकें गाेदामाें और स्कूलाें से वापस मंगवाकर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चाैहान द्वारा शिक्षा की गुणवत्ता व याेजनाओं से संबंधित संदेश को हटाने को कहा हैं। आदेश में कहा गया है कि इन संदेशाें काे तत्काल फाड़कर अलग कर उस पर खाली पेपर लगाए जाए। ऐसा करने के बाद ही पुस्तकें विद्यार्थियाें काे वितरित की जाए।
आदेश जारी होते ही विभाग इस काम में लग गया। पुस्तक डिपो, बीआरसी, बीईओ कार्यालय, संकुल स्तर पर किताबों से संदेश हटाया जा रहा है।एक एक किताबों के पन्नों को हाथ से फाड़ा जा रहा है। चर्चा है कि पुस्तकाें से शिवराजसिंह चाैहान के फाेटाे हटाने के आदेश भी एक या दाे दिन में आ सकते हैं।