MP News: 2023 की ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की आशा से ज्यादा सफलता बीजेपी के लिए 2023 में सत्ता की चाबी का एक बङा कारण साबित हो सकती है। दरअसल इस समिट में सबसे ज्यादा प्रस्ताव मालवा निमाड़ क्षेत्र के लिए ही मिले हैं जो क्षेत्र के विकास की तस्वीर बदल सकते हैं।इस समिट की सफलता के पीछे सीएम शिवराज के मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव की जमीनी धरातल पर उकेरी गई कार्योजना एक बड़ा कारण है।वैश्विक आर्थिक मंदी के इस दौर में जब यूरोप और अमेरिका जैसे देश भारी बेरोजगारी और उद्योगों की तालाबंदी का सामना कर रहे हैं। ऐसे में मध्यप्रदेश में जनवरी में संपन्न हुई। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट देश भर मे चर्चा का विषय बन गई है।
एमपी में 15 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव
दरअसल पहली बार यह हुआ कि इस समिट के माध्यम से मध्यप्रदेश में 15 लाख करोड़ रु ज्यादा के निवेश प्रस्ताव आये और 29 लाख लोगों के रोजगार देने की संभावनाएं बनी। इतना ही नहीं, इस समिट में 84 देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया और 5000 से ज्यादा डेलिगेट्स आए जिनमें जी-20 के सभी देश शामिल थे। इन सभी प्रस्तावों में मालवा निमाड़ क्षेत्र के लिए सबसे ज्यादा 6.95 लाख करोङ यानि लगभग 7 लाख करोङ रु के प्रस्ताव आए हैं। इन सब के बीच सरकार की यह घोषणा कि उद्योगों को किसी भी तरह की अनुमति की जरूरत नहीं,अभी तत्काल काम शुरू कर सकते हैं, मील का पत्थर साबित हुई और कुछ प्रस्तावों पर अब तेजी से अमल होना भी शुरू हो गया है।
मंत्री ने कमियों को दूर किया, रणनीति बनाई
इस सारी कवायद में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में प्रदेश सरकार के उद्योग मंत्रालय ने लगातार कङी मेहनत की। पिछले साल भर से इस समिट की तैयारियां चल रही थी और इसकी पूरी कमान मध्य प्रदेश के उद्योग मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव ने संभाल रखी थी। प्रदेश के उद्योग नीति और निवेश प्रोत्साहन मंत्री के रूप में दत्तीगांव ने न केवल पिछली इन्वेस्टर्स समिट का गहन अध्ययन किया और उनकी कमियों को दूर करने के लिए रणनीति बनाई। इसके साथ ही उन्होंने इस बात पर भी व्यापक जोर दिया कि आखिरकार एक उद्योगपति की मूलभूत आवश्यकताएं क्या है और किसी भी सरकार से वह किस तरह की अपेक्षा रखता है।इसके बाद शुरू हुआ मध्यप्रदेश में निवेश की संभावना तलाशने के लिए उद्योगपतियों से मेल मुलाकातों का दौर।
सीएम ने की उद्योगपतियों से वन टू वन चर्चा
इसमें न केवल देश भर की बल्कि विदेशों के उद्योगपतियों से भी बात की गई और उन्हें मध्यप्रदेश की तमाम उद्योग मित्र खूबियों के बारे में विश्वसनीयता के साथ अवगत कराया गया।इस दौरान दत्तीगांव न केवल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को इन सारी गतिविधियों से अवगत कराते रहे बल्कि उनका मार्गदर्शन भी लेते रहे और समिट को फाइनल टच देने के लिए फिर मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों के साथ वन टू वन चर्चा की। सीएम ने यह भी साफ कर दिया था कि इस बार अगर कोई भी करार होगा तो वह मूर्त रुप ही लेगा, इसका व्यापक ध्यान रखा जाएगा और यही हुआ।अब बात राजनीति करें कि कैसे यह इन्वेस्टर समिट मध्य प्रदेश की राजनीति में बीजेपी के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकती है।
मालवा निमाड़ सत्ता की कुंजी
विशेषकर मालवा निमाड़ क्षेत्र की बात की जाए तो यह क्षेत्र हमेशा बीजेपी के लिए सत्ता की कुंजी रहा है।लेकिन 2018 के चुनाव में कांग्रेस को यहां की 66 विधानसभा सीटों में से 35 सीटें मिली थी और बीजेपी को महज 28 सीटों पर संतोष करना पड़ा था और इस तरह मालवा की हार ने बीजेपी को सत्ता से दूर कर दिया था। लेकिन इन्वेस्टर मीट से मिले 7 लाख करोड़ रु के प्रस्ताव मालवा क्षेत्र की तकदीर और तस्वीर दोनों बदल सकते हैं और अकेले निमाड़ मालवा क्षेत्र में 15 लाख नए रोजगार के अवसर भी सृजीत हो सकते हैं। हालांकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उद्योग मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव इस ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का श्रेय अधिकारियों की मेहनत के साथ साथ उद्योगपतियों में मध्यप्रदेश के प्रति जगे विश्वास को ही देते हैं लेकिन यह साफ है कुशल रणनीति और कार्योजना के साथ जिस तरह से इस ग्लोबल सम्मिट को अंजाम दिया गया, वह वाकई मध्य प्रदेश के औद्योगिक प्रदेश में एक नया इतिहास लिख सकती है।