भोपाल शर्मसार: 8 साल की मासूम की दुष्कर्म के बाद हत्या, नाले में मिला शव, 6 पुलिसकर्मी सस्पेंड

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भोपाल। अलीगढ़ और उज्जैन की दिल दहलाने वाली घटनाओं के बाद अब मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में 8 साल की मासूम के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या का मामला सामने आया है। पुलिस ने बच्ची का शव नाले से बरामद किया है, बच्ची के शरीर पर चोट के निशान भी मिले है। बताया जा रहा है कि बच्ची शनिवार रात आठ बजे से लापता थी, परिजनों ने काफी देर ढूंढने के बाद कमलानगर थाने में भी इसकी रिपोर्ट की थी।लेकिन पुलिस ने कोई एक्शन नही लिया। पुलिस ने शव को निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया, जिसमें बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद गला दबाकर हत्या करने की बात सामने आई है।परिजनों ने पुलिस पर लापरवाही के आरोप लगाए है जिसके बाद 6 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। फिलहाल पुलिस द्वारा संदेहियों से पूछताठ कर आरोपियों की तलाश की जा रही है।

मिली जानकारी के अनुसार, मंडवा बस्ती के पास रहने वाली बच्ची रात करीब 8 बजे घर के पास दुकान पर सामान लेने गई थी। बच्ची जब काफी देर तक वापस नहीं लौटी तो परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की। काफी देर बाद भी बच्ची के नहीं मिलने पर परिजन थाने पहुंचे। लेकिन पुलिस ने मामला दर्ज करने से मना कर दिया। जब इलाके के पार्षद को इस बात का पता चला तो उन्होंने पुलिस को फोन कर बच्ची की तलाश तुरंत शुरू करने के लिए कहा। पुलिस वाले बच्ची के घर आए और चले गए थे। इसके बाद राजधानी भोपाल के कमला नगर इलाके में आज रविवार सुबह आठ साल की बच्ची का शव नाले से मिला। पुलिस ने शव को निकालकर अपने कब्जे में लिया और पीएम के लिए भेज दिया, जिसमें बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद गला दबाकर हत्या करने की बात सामने आई है।

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बताया जा रहा है कि  जब नाले से बच्ची की लाश बाहर निकाली गई तो उसके गले पर निशान थे और उसके हाथ पर भी बांधे जाने के निशान थे। परिजनों का आरोप है कि दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या की गई है। फॉरेंसिक टीम ने भी मौके पर पहुंचकर जांच की है, उधर पुलिस इलाके में लगे सीसीटीवी फुटेज खंगालने की कोशिश कर रही है। घटना की सूचना मिलने के बाद भोपाल से सांसद साध्वी प्रज्ञा बच्ची के परिजनों से मिलने उनके घर पहुंची। वही इस मामले में कानून मंत्री पीसी शर्मा ने जांच और उचित कार्रवाई की बात कही है।

परिजनों ने पुलिस पर लगाए लापरवाही के आरोप

इस मामले में परिजनों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाए हैं। परिजनों का कहना है किसमय रहते अगर उसकी तलाश शुरू की जाती तो वह मिल जाती। लेकिन पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया। रिश्तेदारों का कहना है कि वह रात 8 बजे के करीब घर से कुछ दूर एक दुकान पर सामान लेने गई थी। इसके बाद वापस वापस नहीं लौटी। फिर उसकी खोज शुरू हुई, लेकिन जब आस-पास में वह नहीं मिली तो 9 बजे उसके माता-पिता पुलिस के पास पहुंचे। पुलिस ने इसकी रिपोर्ट लिखने से मना कर दिया और कहा कि वह पास में ही कहीं खेल रही होगी। परिजनों का आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने यह भी कहा कि वह किसी के साथ भाग गई होगी। इसके बाद वे वापस लौट आए और फिर रातभर आस-पास के इलाकों में उसे तलाशते रहे।

पार्षद को फोन लगाने पर पुलिस ने शुरु की जांच

इसके बाद परिजनों ने इलाके के पार्षद को इस बात की सूचना दी। पार्षद ने गंभीरता दिखाते हुए पुलिस को पुलिस को फोन कर बच्ची को तलाशने को कहा। इसके बाद देर रात 11:30 बजे करीब थाने से तीन कांस्टेबल बच्ची के घर पहुंचे और वहीं कुर्सी लगाकर बैठ गए। रहवासियों का कहना है कि दो कांस्टेबल शराब के नशे में थे और बच्ची के बारे में अभद्र भाषा बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने बच्ची के परिजनों से चाय और गुटका खिलाने की भी मांग की। 

6  पुलिसकर्मी निलंबित

वही इस मामले में पुलिस द्वारा लापरवाही बरतने पर गृहमंत्री बाला बच्चन ने कड़ी कार्रवाई की है और 6 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है।इनमें एक एएसआई देव सिंह, दो हवलदार और चार सिपाही को निलबिंत किया गया है। इन सभी पर डेढ़ घंटे देरी से पहुंचने और लापरवाही के आरोप लगे है।वही गृहमंत्री ने कहा है कि संदिग्ध की पहचान कर ली गई,  जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी।सूचना मिलते ही पुलिस इस पूरे मामले में जल्द  खुलासा करेगी।


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