भोपाल। भारतीय जनता पार्टी की भोपाल लोकसभा प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। हाल ही में उन्होंने राजधानी में एक सभा के दौरान शहीद आईपीएस अफसर हेमंत करकरे के खिलाफ बयान दिया था। इस मामले पर संज्ञान लेते हुए कलेक्टर ने भाजपा जिला अध्यक्ष विकास वीरानी और प्रज्ञा ठाकुर को नोटिस जारी कर एक दिन में जवाब देने का समय दिया है। आयोग की मीडिया मॉनिटरिंग टीम ने साध्वी प्रज्ञा के बयान पर संज्ञान लिया है। जिला निर्वाचन अधिकारी व कलेक्टर भोपाल से चुनाव आयोग ने प्रतिवेदन मांगा।
दरअसल, प्रज्ञा ठाकुर शुक्रवार को राजधानी में एक कार्यक्रम में संबोधन दे रही थीं। इसमें वह खुद पर हुए जेल में अत्याचार के बार में जनता को बता रही थीं। इस दौरान यातनाओं का वर्णन करते हुए प्रज्ञा ठाकुर ने शहीद हेमंत करकरे के खिलाफ बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि उनके श्राप के कारण करकरे की मौत हुई थी। जिसका सभी दलों द्वारा विरोध किया गया । यहाँ तक कि भाजपा के द्वारा भी उस बयान पर सफाई देते हुऐ उसे प्रज्ञा ठाकुर का निजी बयान बताया और हेमंत करकरे को शहीद बताते हुए प्रेस नोट जारी किया था ।
प्रज्ञा ठाकुर के हेमंत करकरे की शहादत को उनके द्वारा दिए गए श्राप के बयान ने पूरे भारत में हलचल मचा दी और कल रात तक प्रज्ञा ठाकुर को यह कहना पड़ा कि मैं माफ़ी चाहती हूँ । वहीं आईपीएस एसोसिएशन द्वारा भी इस बयान की निंदा की गई और अंततः आज उस बयान को आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए ज़िले के कलेक्टर और निर्वाचन अधिकारी ने प्रज्ञा ठाकुर सहित भाजपा ��ध्यक्ष विकास वीरानी को कारण बताओ नोटिस थमा दिए । जिला निर्वाचन अधिकारी ने उन्हें चिठ्ठी लिखकर शहीद करकरे पर दिए गए बयान पर स्पष्टीकरण मांगा है। वहीं प्रज्ञा ठाकुर ने भी नोटिस को लेकर पलटवार किया है| उन्होंने कहा कि, हम नियम पर चलते हैं और मैं नोटिस से डरने वाली नहीं हूं। जिला निर्वाचन अधिकारी ने जो नोटिस दिया है। वकील के जरिए उसका जवाब भेजा जाएगा।