ESMA : 6 अप्रैल से बिजली कर्मचारी करेंगे विरोध, कभी भी हो सकती है बिजली गुल

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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। कोरोना संक्रमण (Covid 19) के बढ़ते खतरे को देखते हुए प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य और बिजली समेत दस सेवाओं पर तीन महीने के लिए एस्मा (Essential Services Maintenance Act-ESMA) लागू किया है. इस फैसले से अब बिजली कर्मचारी और सरकार के बीच टकराव के हालात बन सकते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि बिजली कर्मचारियों के संगठन की ओर से कहा गया है कि वे अपनी मांगों को लेकर 6 अप्रैल को कार्य बहिष्कार का ऐलान कर चुके हैं और वे इस पर अडिग हैं.

चरणबद्ध कार्य के बहिष्कार में 6 अप्रैल को प्रथम चरण में एक दिवसीय का बहिष्कार होगा। जिसमें आपातकालीन सेवाएं, जनरेशन, ट्रांसमिशन, ऑपरेशन 33/11 के.व्ही.छोड़ कर पूरे दिन कार्य का बहिष्कार होगा। द्वितीय चरण में 22 से 24 अप्रैल तक तीन दिवसीय कार्य का बहिष्कार होगा। जिसमें 22 अप्रैल को कार्यालयीन कार्य का बहिष्कार, 23 अप्रैल को कार्यालयीन कार्य के साथ साथ सभी प्रकार के रख रखाव एवं सुधार कार्य का बहिष्कार एवं सभी अधिकारी कर्मचारी अपने अपने शासकीय मोबाइल भी बंद रखेंगे। 24 अप्रैल को उक्त सभी कार्यो के बहिष्कार के साथ साथ 24 घंटे का उप केंद्रों की शिफ्ट ड्यूटी का कार्य बहिष्कार करेंगे। आंदोलन के तीसरे में चरण 1 मई मजदूर दिवस से अनिश्चित कालीन कार्यों का बिजली अधिकारी, कर्मचारी बहिष्कार करेंगे।

कर्मचारियों की प्रमुख मांगें

•केन्द्र शासन द्वारा वितरण कंपनियों के निजीकरण हेतु जारी किए स्टेण्डर्ड बिड डॉक्यूमेंट को मध्यप्रदेश में लागू नहीं किया जाए. मप्र शासन द्वारा ट्रांसमीशन कंपनी के निजीकरण हेतु शुरू की गई टी.बी.सी.बी. योजना को वापस लिया जाए.

•मप्र की विद्युत कंपनियों में कार्यरत सभी संविदा अधिकारियों / कर्मचारियों को आन्ध्रप्रदेश एवं बिहार शासन की तरह नियमित किया जाए, क्योकिं सभी कर्मियों की भर्ती नियमित भर्ती प्रक्रिया के अनुसार विज्ञापन के माध्यम से की गई है.

•मप्र की विद्युत कंपनियों में कार्यरत सभी वर्गों के बाह्य स्त्रोत कर्मचारियों की सेवाएं तेलगांना / दिल्ली एवं हिमाचल प्रदेश के शासन की तरह सुरक्षित की जाए.

•कंपनियों में वर्षों से लंबित संगठनात्मक संरचना का तुरंत पुननिर्धारण किया जाए एवं रिक्त पदों पर नई भर्तीयां की जाएं, जिससे कि विदयुत कंपनियों की कार्य क्षमता कायम सके एवं उपभोक्ताओं की अपेक्षाओं के अनुसार विद्युत व्यवस्था सुद्धढ़ की जा सके.

•मप्रराविम के कर्मियों की पेंशन की व्यवस्था सुनिक्षित करते हुए उत्तर प्रदेश शासन की तरह गारंटी लेकर ट्रेजरी से पेंशन देना शुरू की जाए.

1.अधिकारियों / कर्मचारियों के सभी वर्गों की वेतन विसंगतियां जैसे 03 एवं अन्य को समाप्त किया जाए.

2.कंपनी केडर के नियमित एवं संविदा कर्मियों को भी विद्युत देयक
में 50 % छूट एवं सेवानिवृत्त कार्मियों को पूर्व की भांति 25 % छूट प्रदान की जाए.

3.वर्षों से लंबित फ्रिंज बेनिफिट पुनरीक्षित किये जाएं एवं मप्र शासन द्वारा स्थगित किए गए डीए एवं वार्षिक वेतन वृद्धि को तुरंत चालू कर बकाया राशि का भुगतान किया जाए.


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Prashant Chourdia

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