भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर (pradyuman singh tomar) का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि पहले बड़े बकायादारों से बिजली बिल (electricity bill) की वसूली करें। जिस क्षेत्र में सामूहिक रूप से बिजली की चोरी की जा रही है, वहाँ के जनप्रतिनिधियों से चर्चा कर बिजली सप्लाई(Power supply) रोकने के संबंध में भी विचार करें। वही उन्होंने कहा कि विद्युत वितरण कम्पनियों का निजीकरण रोकने के लिये जरूरी है कि हम सब मिलकर परिणाम मूलक कार्य करें। सभी अधिकारी अपनी जिम्मेदारी समझें और निष्ठापूर्वक उसका निर्वहन करें।
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दरअसल, मंगलवार को ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर (Pradyuman Singh Tomar) ने यह निर्देश मध्य एवं पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनियों (Central and Western Region Power Distribution Companies) के कार्यों की समीक्षा के दौरान दिये। उन्होंने कहा कि विद्युत वितरण कम्पनी की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिये जरूरी है कि बिजली बिलों की वसूली में विशेष ध्यान दिया जाए।
ऊर्जा मंत्री (Energy Minister) ने कहा कि बजट की उपलब्धता के आधार पर ही विद्युत सामग्री खरीदी की प्राथमिकता तय करें। सामग्री खरीदी की गाइडलाइन (Guideline) बनायें और इनका सख्ती से पालन भी करें। उतने ही मीटर (electricity meter) खरीदें जायें, जितने लगाने की क्षमता हो। उच्च क्षमता के ट्रांसफार्मर लगाये जाये, जिससे अधिक भार के कारण वह जले नहीं। जहाँ ओवरलोडिंग है, वहाँ तुरंत ट्रांसफार्मर (Transformer) बदले जाएँ।
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ऊर्जा मंत्री ने कहा कि ग्रुप मीटर समय पर नहीं सुधारने पर कम्पनी को जुर्माना लगाने के साथ ही संबंधित सहायक और जूनियर इंजीनियर (Junior engineer) के विरूद्ध कार्यवाही की जाये। उन्होंने कहा कि इसके नोडल ऑफिसर के विरूद्ध जाँच के बाद कार्यवाही होनी चाहिए। ऐसी लापरवाही की पुनरावृति नहीं होना चाहिए। इस तरह का फार्मूला बनाया जाए कि सभी अधिकारियों को समान रूप से कार्य मिले।
ऊर्जा मंत्री (Energy Minister) ने कहा कि शहरों में किसी को भी आकलित रीडिंग के आधार पर बिजली बिल नहीं दिये जाएँ। सही बिल दें और उसकी वसूली भी करें। स्मार्ट मीटर के रिजल्ट का आंकलन किया जाए। मीटर रीडर का रोस्टर निर्धारित कर इसका निरीक्षण भी करें। मेंटेंनेंस बेहतर तरीके से करें, जिससे ट्रिपिंग कम हों।