देश भर की निगाहें मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र पर, कांग्रेस ने झोंकी पूरी ताकत

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भोपाल। बुदनी विधानसभा क्षेत्र से जुड़े दर्जा प्राप्ता मंत्रियों की वजह से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को इस बार चुनाव में जनता की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है। मतदाताओं की नाराजगी शिवराज के खिलाफ कतई नहीं है, लेकिन पिछले 10-12 सैलून में दर्जा प्राप्त मंत्रियों की आर्थिक तरक्की देखकर इस बार भाजपा कार्यकर्ता एवं मतदाताओं में रोष देखने का मिल रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विधानसभा क्षेत्र बुदनी पर पूरे प्रदेश ही नहीं पूरे देश की नजर लगी है। इस सीट पर कांग्रेस ने सारी ताकत झोंक दी है। प्रचार के अंतिम दिन कांग्रेस के पक्ष में प्रचार करने देश और प्रदेश के दो संतों को भी कांग्रेस ने उतार दिया । रहटी में आचार्य प्रमोद कृष्णनन और मप्र में चर्चित कम्प्यूटर बाबा ने शिवराज के खिलाफ आमसभा की। जिसमें उन्होंने शिवराज सरकार पर धर्म विरोधी होने के आरोप लगाए। 

भाजपा ने बुदनी विधानसभा क्षेत्र में हेमा मालिनी के अलावा कोई बड़ा नेता प्रचार के लिए नहीं बुलाया । चुनाव प्रचार खत्म हो चुका है, लेकिन अभी तक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने क्षेत्र में एक भी चुनाव सभा नहीं की। वे स्वंय एक घंटे के लिए भी प्रचार करने के लिए नहीं गए। अभी तक प्रचार का जिम्मा उनकी पत्नी साधना सिंह और बेटे कार्तिकेय सिंह और उनके करीबियों ने संभाल रखा था। 

कांग्रेस ने तीन तरह से खोला मोर्चा

बुदनी में कांग्रेस ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ तीन तरह से मोर्चा खोला। मुख्यमंत्री को चुनाव में कथित रूप से मदद करने वाले अधिकारियों को हटाने, मुख्यमंत्री द्वारा उपकृत भाजपा नेताओं को पदों से हटवाने के अलावा कांग्रेस ने चुनावी चौसर पर रणनीति बिछाई|  कांग्रेस प्रत्याशी अरुण यादव क्षेत्र के सामाजिक और जातिगत समीकरणों को बेहद तरीके से साधने में लगे रहे। चुनाव के अंतिम दौर में पूर्व विधायक देवसिंह पटेल को बकतरा से शाहगंज तक की जिम्मेदारी सौंपी। आदिवासियों के बीच सेंधमारी का काम अर्जुन आर्य को सौंपा गया| नसरूल्लागंज में कांग्रेस का एक अलग से बाररूम बनाया गया है। जिसकी जिम्मेदारी मीडिया के जानकार और मुख्यमंत्री के खिलाफ लंबे समय से मोर्चा खोले केके मिश्रा को सौंपी गई । रेहटी से गोपालगंज के क्षेत्र में राजकुमार पटेल को सक्रिय किया गया । 

ग्वालियर के सहकारी नेता भगवान सिंह यादव भी बुदनी में सक्रिय दिखाई दिए। उनकी शिकायत पर चुनाव आयोग ने अपैक्स बैंक के अध्यक्ष रमाकांत भार्गव को पद से हटा दिया है। वहीं यादव के समर्थन में प्रदेश भर से लोग बुदनी पहुंचे। चुनाव के आखिरी दिन यादव ने रेंहटी में रोड शो किया। इस दौरान काफी संख्या में भीड़ मौजूद थी। 

एसपी-कलेक्टर को हटाने की भी मांग

कांग्रेस प्रत्याशी अरुण यादव के वार रूप प्रभारी रहे केके मिश्रा चुनाव के अंतिम दौर में भी सीहोर के एसपी, कलेक्टर को हटाने के प्रयास में लगे रहे। उनका आरोप है कि यह दोनों अधिकारी भाजपा के पक्ष में काम कर रहे हैं। केके मिश्रा ने सलकनपुर चौकी प्रभारी पूजा राजपूत को हटाने के लिए चुनाव आयोग को पत्र लिखा है। मिश्रा ने पत्र के साथ वीडियो और फोटो भेजे हैं जिसमें पूजा राजपूत साधा कपड़ों में साधना सिंह के साथ चुनाव प्रचार में दिखाई दे रही हैं। इसके अलावा वे भाजपा कार्यकतार्ओं के साथ फोटो भी खिंचवा रही हैं। 

साधना को भरोसा जनता भैया को जिताएगी

दूसरी ओर मुख्यमंत्री की पत्नी साधना सिंह उपवास के साथ प्रचार में लगी रही। सूत्रों के अनुसार साधना सिंह ने पिछले पांच माह से अन्न का त्याग किया हुआ है। वे फलहार लेकर सुबह से लेकर देर शाम तक बुदनी के गांव-गांव में जनसंपर्क और सभाएं करती रहीं| साधना सिंह का दावा है कि शिवराज सिंह चौहान बुदनी के लाड़ले बेटे हैं। उन्होंने बुदनी का नाम पूरी दुनिया में किया है। इसलिए बुदनी के मतदाता अपने लाड़ले बेटे के खिलाफ कभी नहीं हो सकते। सीएम के बेटे कार्तिकेय सिंह पहली बार अलग से टीम लेकर प्रचार में जुटे ।  मतदाताओं को कार्तिकेय में मुख्यमंत्री दिखाई देते हैं। उनका चलना, फिरना, बोलना और अपनापन लोगों को खूब भाया। 

शिवराज को सबसे ज्यादा अपनों से खतरा 

पिछले चुनाव में बुदनी में मुख्यमंत्री को लगभग 85 हजार की लीड मिली थी। इस बार भाजपा इसे सवा लाख तक पहुंचाने का दावा कर रही है। बुदनी में  मुख्यमंत्री को अपने ही कुछ ऐसे नेताओं के विरोध का सामना करना पड़ रहा है जिन्हें सीएम ने राज्यमंत्री और केबिनेट मंत्री के दर्जे से नवाज रखा है। इस क्षेत्र में भाजपा का सबसे बड़ा मुद्दा विकास है जबकि कांग्रेस ने अवैध रेत खनन को मुद्दा बनाया है। केके मिश्रा ने दावा किया है कि पिछले 14 वर्षों में केवल बुदनी विधानसभा क्षेत्र में पचास हजार करोड़ रुपए का अवैध उत्खनन हुआ है। 

शिवराज के क्षेत्र से डेढ़ दर्जन मंत्री 

प्रदेश का बुधनी विधानसभा क्षेत्र ऐसा हैं, जहां से मुख्यमंत्री के अलावा डेढ़ दर्जन करीब भाजपा नेताओं के पास मंत्री का दर्जा है। जिनमें से एक दर्जन करीब के पास कैबिनेट मंत्री एवं इतने ही नेताओं के पास राज्यमंत्री का दर्जा है। ये सभी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विधानसभा क्षेत्र से ताल्लुक रखते हैं और सीधे तौर पर उन्हीं से जुड़े हैं। दर्जा प्राप्त मंत्रियों से गुरुप्रसाद शर्मा, राजेन्द्र सिंह राजपूत, रमाकांत भार्गव, शिव चौबे ऐसे नेता हैं, जिन्हें लंबे समय से सरकार में मंत्री का दर्जा मिला हुआ है।  दर्जा प्राप्त मंत्रियों में राजेन्द्र सिंह राजपूत ने मुख्यमंत्री के लिए  2005 में बुदनी सीट खाली की थी। गुरुप्रसाद शर्मा मुख्यमंत्री के बालसखा हैं। रमाकांत भार्गव अपेक्स बैंक के अध्यक्ष हैं, पहले एमपी एग्रो के चैयरमेन रहे। सीएम के सलाहकार की भूमिका में भी रहते हैं। शिव चौबे बुदनी एवं होशंगाबाद क्षेत्र में सीएम का काम संभालते हैं। 

ये नेता हैं दर्जा प्राप्त मंत्री

1-गुरुप्रसाद शर्मा, अध्यक्ष वन विकास निगम , निवासी ग्राम मंडी, नसरुल्लागंज जिला सीहोर 

2 सुनील माहेश्वरी, अध्यक्ष सिलाई कढ़ाई बोर्ड, नसरुल्लागंज

3 रामनारायण साहू, उपाध्यक्ष लधु वनोपज संघ, ग्राम इटावा रेहटी

4 राजेन्द्र सिंह राजपूत, अध्यक्ष खाद्य भंडार निगम, जोशीपुर बुदनी

5 रमाकांत भार्गव, अध्यक्ष अपेक्स बैंक,  शाहगंज बुधनी

6 शिव चौवे, अध्यक्ष गौ संवर्धन बोर्ड , जोनतला बुधनी

7 सूर्या चौहान, सदस्य राज्य महिला आयोग, रेहटी

8 आशाराम यादव , सदस्य पिछड़ा वर्ग आयोग, सेमरी रेहटी

9 मीना पटेल, सदस्य सदस्य ग्रह निर्माण समिति रेहटी

10  बृजेश चौहान, सदस्य बाल संरक्षण आयोग, बुधनी 

11 निर्मला बारेला, सदस्य बाल संरक्षण आयोग  इटावा खुर्द नसरुल्लागंज

12 वीर सिंह चौहान, सदस्य खाद्य आयोग, बुदनी 

कई जिलों में इक्का-दुक्का नेताओं को दर्जा

चूंकि बुधन विधानसभा क्षेत्र मुख्यमंत्री का चुनाव क्षेत्र है, इसलिए यहां से सबसे ज्यादा नेताओं को लालबत्ती से नवाजा गया है, जबकि कई जिले ऐसे हैं, जहां किसी भी भाजपा नेता को सरकार में एडजस्ट नहीं किया गया है। भोपाल, सीहोर को छोड़कर अन्य किसी जिले में 2-3 नेताओं से ज्यादा मंत्री का दर्जा नहीं दिया गया है। 


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