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Wed, Dec 17, 2025

भारत में पहले ‘जनरेशन बीटा’ बेबी का जन्म मिजोरम में, इस बच्चे के साथ हुई नई पीढ़ी की शुरुआत

Written by:Shruty Kushwaha
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जब हम हैप्पी न्यू ईयर कहते हुए एक दूसरे को मुबारकबाद दे रहे थे, उसके ठीक तीन मिनट बाद हमारी नई पीढ़ी का उदय भी हो गया। इस बच्चे के जन्म के साथ ही हमें अपना पहला जनरेशन बीटा बेबी मिल गया है। बच्चा पूरी तरह स्वस्थ है और उसके आने से उसके घर में उत्सव का माहौल है। इस बच्चे ने जन्म के साथ ही एक रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है मीडिया की सुर्खियों में छा गया है।
भारत में पहले ‘जनरेशन बीटा’ बेबी का जन्म मिजोरम में, इस बच्चे के साथ हुई नई पीढ़ी की शुरुआत

India’s First Baby of Generation Beta : भारत में ‘जेनरेशन बीटा’ के पहले बच्चे का जन्म मिजोरम के आइजोल में हुआ है। इस generation beta baby का जन्म 1 जनवरी 2025 को आधी रात 12 बजकर 3 मिनट पर हुआ। नवजात का नाम फ्रेंकी रेमरूआतदिका जेडेंग रखा गया है। जन्म के समय उसका वजन 3.12 किलोग्राम था और वह पूरी तरह स्वस्थ है।

“जेनरेशन बीटा” शब्द ऑस्ट्रेलियाई भविष्यवादी मार्क मैक्रिंडल द्वारा दिया गया है, जो जेनरेशन अल्फा (2010-2024) के बाद आने वाली नई पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करता है। यह नाम ग्रीक वर्णमाला के दूसरे अक्षर ‘बीटा’ से लिया गया है, जो समयचक्र में एक नई शुरुआत और भविष्य की संभावनाओं का प्रतीक है।

भारत में पहले Generation Beta बेबी का जन्म

भारत में जेनरेशन बीटा की शुरुआत नए साल की शुरुआत के साथ ही हो गई है। मिजोरम में इस नई पीढ़ी के बच्चे की किलकारी हैप्पी न्यू ईयर की गूंज के तीन मिनट बाद गूंजी। और इस तरह जनरेशन बीटा के पहले बच्चे के जन्म के साथ ही इस नई पीढ़ी का आगाज़ हो गया है।

नई पीढ़ी का आगाज़

जनरेशन बीटा बच्चों की वो नई पीढ़ी है जिनका जन्म 1 जनवरी 2025 से लेकर 2039 के बीच होगा। यह शब्द ऑस्ट्रेलियाई  प्रसिद्ध भविष्यवादी मार्क मैक्रिंडल ने गढ़ा है। इस पीढ़ी के बच्चों का पालन-पोषण ऐसे युग में होगा जब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स और वर्चुअल रियलिटी जैसी तकनीकें जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुकी होंगी।

कैसे होता है पीढ़ियों का वर्गीकरण

पीढ़ियों के नामकरण और वर्गीकरण के पीछे कई कारण होते हैं जैसे कि ऐतिहासिक घटनाएं, सांस्कृतिक बदलाव, सामाजिक बदलाव और उस समय की महत्वपूर्ण बातें आदि। हर जनरेशन का नाम उस समय की प्रमुख घटनाओं और प्रवृत्तियों को दर्शाता है। आमतौर पर, हर 15 से 20 साल में पीढ़ी के नाम में बदलाव आता है, जो उस समय के सामाजिक और वैश्विक परिवर्तनों का परिचायक होता है। आइए जानते हैं कि किस पीढ़ी को क्या नाम दिया गया है।

  • ग्रेटेस्ट जनरेशन (1901-1927): कठिन समय का सामना करने वाली पीढ़ी।
  • साइलेंट जनरेशन (1928-1945): आत्मनिर्भर और मेहनती।
  • बेबी बूमर (1946-1964): जनसंख्या वृद्धि के साथ।
  • जनरेशन X (1965-1980): इंटरनेट और तकनीक के उदय के साथ।
  • मिलेनियल्स (1981-1996): तेजी से बदलती दुनिया के लिए तैयार।
  • जनरेशन Z (1997-2009): सोशल मीडिया और वैश्विक कनेक्टिविटी के साथ।
  • जनरेशन अल्फा (2010-2024): तकनीक के बीच जन्मी और पली-बढ़ी।
  • जनरेशन बीटा (2025-2039): तकनीकी युग में अगली कड़ी।