भोपाल। लोकसभा चुनाव से पहले बसपा को एमपी में एक के बाद एक बड़े झटके लग रहे है। अब मुरैना जिले के दिमनी विधानसभा से बीएसपी के विधायक रहे बलवीर सिंह दंडोतिया कांग्रेस में शामिल हो गए है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उन्हें कांग्रेस की सदस्यता दिलाई। इससे पहले खजुराहो लोकसभा क्षेत्र के प्रभारी डॉ आनंद अहिरवार के साथ कई बसपा नेताओं ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया था। नेताओं के लगातार कांग्रेस में शामिल होने के चलते बसपा में हड़कंप मच गया है।
दंडोतिया के कांग्रेस में आने से मुरैना जिले में कांग्रेस का मजबूत होना तय माना जा रहा है। मुरैना जिले खासतौर पर दिमनी और आसपास के क्षेत्रों में दंडोतिया का व्यापक प्रभाव है। पिछले विधानसभा चुनाव में ही जिले के मतदाताओं ने बीजेपी को बुरी तरह नकार दिया है। क्षेत्र की आठ में से 7 सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशी भारी अंतर से जीते हैं। बीजेपी केवल एक सीट पर ही जीत पाई थी। अब दंडोतिया के आने से कांग्रेस की मुरैना सीट पर जीत पक्की मानी जा रही है।वही लगातार बसपा नेताओं के कांग्रेस में शामिल होने से बसपा में हड़कंप मच गया है।वही बीजेपी के माथे पर भी चिंता की लकीरे उभरने लगी है। हालांकि कांग्रेस के लिए यहां जीत हासिल कठिन ढेड़ी खीर होगी क्योंकि पिछले 22 सालों से यहां भाजपा का कब्जा है। उधर, बसपा से भिंड-दतिया से पूर्व सांसद रहे डॉ. रामलखन सिंह का टिकट पहले ही फाइनल हो चुका है।
अबतक ये दर्जनों नेता हो चुके है कांग्रेस में शामिल
इसके पहले भी कई बसपा नेता कांग्रेस में शामिल हो चुके है।बीते दिनों प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय के सभाकक्ष बहुजन समाज पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप अहिरवार, पूर्व सांसद देवराजसिंह, देवदत्त सोनी, विधायक दल के नेता सत्यप्रकाश जाटव, बाबूलाल पहलवान, रविन्द्र कुमार पटेल, पोहप चैधरी, मंजू सराफ, कोमल प्रसाद, डॉ. विनोद राय, रामसेवक दामले सहित अन्य पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस की सदस्यता ली थी। वहीं खजुराहो लोकसभा क्षेत्र के प्रभारी डॉ आनंद अहिरवार के साथ आधा दर्जन से ज्यादा नेताओं ने भी कांग्रेस का दामन थाम लिया था।
मायावती का ऐलान-देश में कही नही होगा कांग्रेस-बसपा का गठबंधन
बीते दिनों बसपा सुप्रीमो मायावती ने एलान किया था कि आगाामी लोकसभा चुनाव में बसपा कांग्रेस के साथ किसी भी राज्य में गठबंधन नहीं करेगी। उन्होंने कहा था कि मैं एक बार फिर से यह स्पष्ट कर दूं कि बसपा किसी भी राज्य में कांग्रेस से गठबंधन नहीं करेगी। हालांकि यूपी, उतराखंड के बाद एमपी में बसपा ने सपा के साथ गठबंधन किया है।इस फैसले के बाद से ही कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है।