भोपाल| लोकसभा चुनाव में नेताओं के दल बदलने का दौर तेज हो गया है| कांग्रेस छोड़ने वाले नेताओं की भी वापसी कराई जा रही है| इस बीच भाजपा को एक बड़ा झटका लगा है| पूर्व मंत्री राकेश सिंह चतुर्वेदी भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गए हैं| शिवपुरी में ज्योतिरादित्य सिंधिया की नामांकन रैली में आयोजित सभा में चौधरी की घर वापसी हुई है| वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव से पहले चौधरी भाजपा में शामिल हो गए थे| वे कांग्रेस पार्टी से विधायक रहे थे। दिग्विजय सिंह सरकार में कैबीनेट मंत्री बनाए गए थे | हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने राकेश सिंह को भिंड से चुनाव लड़ाया जिसमे वो 36 हजार वोटों से हारे थे| कांग्रेस में वापसी के बाद चौधरी राकेश सिंह ने कहा कि भाजपा में जाना उनकी सबसे बड़ी गलती थी|
मध्यप्रदेश का सबसे एतिहासिक राजनीतिक इस्तीफा देने वाले चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी लम्बे समय से कांग्रेस में आना चाह रहे थे| विधानसभा चुनाव से पहले भी उनके कांग्रेस में आने की अटकलें थी| जब टिकट को लेकर नेताओं में खींचतान चल रही थी| तब एक घटनाक्रम ऐसा हुआ था कि भाजपा में हलचल मच गई थी, तब लगा था राकेश सिंह कांग्रेस में जा सकते हैं| इस बीच भाजपा ने उन्हें भिंड से टिकट दे दिया| लेकिन इसके बाद भी जीत नहीं पाए और अब भाजपा छोड़ फिर कांग्रेस में शामिल हो गए|
चौधरी राकेश सिंह ना केवल कांग्रेस के विधायक थे बल्कि विधानसभा में विपक्ष के उपनेता भी थे। दिग्विजय सिंह सरकार में कैबीनेट मंत्री बनाए गए थे। राकेश चौधरी ने विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव पेश करते समय कांग्रेस पार्टी छोडकर कुछ साल पहले बडा राजनैतिक धमाका किया था। चलते सदन में कांग्रेस का साथ छोडकर चौधरी बीजेपी में शामिल हो गए थे। मप्र कांग्रेस को मिला यह अब तक का सबसे बड़ा झटका दर्ज किया गया। इसके चलते अविश्वास प्रस्ताव पर ठीक से बहस ही नहीं हो पाई। 2013 के विधानसभा चुनाव में मेहगांव से चतुर्वेदी के छोटे भाई चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी विधायक चुने गए थे। इसके बाद 2018 के चुनाव में उन्हें भिंड से टिकट मिला लेकिन 36 हजार वोटों से हार गए|