भोपाल| पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए जवान अश्विनी के अंतिम संस्कार को मुख्यमंत्री कमलनाथ के कारण देरी से किये जाने के मामले को लेकर राजनीतिक वार पलटवार तेज हो गया| नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने मुख्यमंत्री ने बड़ा आरोप लगाया है| मध्य प्रदेश भाजपा की मीडिया कार्यशाला में भार्गव ने सम्बोधित करते हुए बड़ा हमला बोला| भार्गव ने कहा अमर शहीद अश्विन कुमार की अंत्येष्टि को जानबूझ कर देरी से करवाया गया| कमलनाथ ने खुद जबलपुर के रंगारंग कार्यक्रमों में व्यस्त रहते प्रशासन के माध्यम से अंत्येष्टि में देर कराई। शहीद का अंतिम संस्कार सिर्फ इसलिए रोककर रखा गया क्यूंकि कमलनाथ को ऐश अय्याशी और अपने तमाम कार्क्रमों को पूरा करना था, इसके बाद वहाँ पहुंचना था| इस दौरान उपस्थित ग्रामीणजनों ने ‘कमलनाथ मुर्दाबाद’के नारे लगाए। लेकिन एक भी अखबार में यह खबर नहीं छपी| सरकार के लिए यह सबसे बड़ी शर्मनाक बात है|
इससे पहले भार्गव ने मीडिया से चर्चा करते हुए सीएम कमलनाथ से सवाल पुछा कि सरकार बताएं कि कैबिनेट की बैठक ज्यादा जरूरी थी या शहीद का अंतिम संस्कार।भार्गव ने आरोप लगाते हुए कहा कि जानबूझकर शहीद के अंतिम संस्कार को लेट कराने की कोशिश की गई । कमलनाथ सरकार के मंत्री जगह-जगह भाषण और उद्घाटन करने में व्यस्त रहे, जिसकी वजह से शहीद का अंतिम संस्कार लेट कराया गया ।इसके साथ ही प्रदेश उपाध्यक्ष विजेश लुनावत ने कमलनाथ पर हमला बोलते हुए कहा है कि हद है कमलनाथजी आपके संस्कार के इन्तेजार में 1घंटे तक प्रशासन ने रोक के रखा जबलपुर के शहीद का अंतिम संस्कार। वही कांग्रेस के मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा ने पलटवार करते हुए कहा है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश के वरिष्ठ मंत्री गोविन्द सिंह को मंत्रिमंडल की बैठक छोड़ शहीद जवान अश्विन कुमार की अंतिम यात्रा व अंत्येष्टि में राज्य सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर शामिल होने पूर्व में ही भेज दिया था। मुख्यमंत्री का जाने का कार्यक्रम पहले से ही 4.30 बजे का निर्धारित था और वे अपने निर्धारित समय पर पहुँच गये थे। उन्होंने किसी को भी इंतज़ार नहीं कराया। बेहद शर्मनाक है कि सदैव झूठ बोलने वाली भाजपा ऐसे संवेदनशील मौक़े पर भी झूठ बोलने व ओछी राजनीति करने से बाज़ नहीं आयी। कैबीनेट बैठक में भी सबसे पहले शहीद जवान को श्रद्धांजलि अर्पित की गयी।
गौरतलब है कि शनिवार को मध्य प्रदेश के जबलपुर के सिहोरा के खुडावल गांव में पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए अश्विनी कुमार का अंतिम संस्कार सिर्फ इसलिए देरी से हुआ क्योंकि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ तय समय पर वहां नहीं पहुंच पाए। वीर शहीद का पार्थिव शरीर रखा रहा और इंतजार होता रहा कि मुख्यमंत्री आकर श्रद्धांजलि देंगे। मुख्यमंत्री के इस रवैये से नाराज लोगों ने नारेबाजी भी की और कमलनाथ मुर्दाबाद के नारे भी लगाए। हालांकि स्थानीय प्रशासन ने लोगों को समझा बुझाकर शांत किया और जब कमलनाथ आए और उन्होंने श्रद्धांजलि अर्पित की उसके बाद ही शहीद का अंतिम संस्कार हो सका। बीजेपी ने इसको लेकर सरकार और कांग्रेस पर सवाल उठाये हैं| नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी शहीद के अंतिम संस्कार में शामिल हुए थे| भार्गव का आरोप है कि सीएम के कारण प्रशासन द्वारा अंतिम संस्कार देर से करवाया गया और जब ग्रामीणों ने नाराजगी जाहिर करते हुए नारेबाजी भी की|
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